संजय कुमार राय, दरभंगा, देशज टाइम्स अपराध ब्यूरो। दरभंगा विश्वविद्यालय की महिला सिपाही...कहीं कर ना ले खुदकुशी…उसकी सुन कोई नहीं रहा…कुछ भी सुनाने से भी विश्वविद्यालय थाना के उसके सहयोगी उसे रोक रहे…आखिर क्यों?…कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए…हे पुलिस के वरीय पदाधिकारी महोदय…क्योंकि यह तो अस्मिता से जुड़ा है। समय रहते अगर दरभंगा के वरीय पुलिस अधिकारी सजग नहीं हुए तो एक महिला सिपाही की जिंदगी बर्बाद हो सकती है वह किसी हद से गुजर सकती है। कहीं ऐसा ना हो कि वह आत्महत्या कर लें। उसकी मानसिक स्थिति से फिलहाल यही पता चल रहा है।
मामला दरभंगा जिले के विश्वविद्यालय थाना से जुड़ा है। जहां, एक महिला सिपाही लगातार रों रही हैं। कहती है, मैं आत्म हत्या कर लूंगी। यही नहीं, वह अपने साथ बीती घटना को परिजनों को बताना चाह रही है। लेकिन, थाना की पुलिस उसे इस बात से मना कर रही (Female constable of Darbhanga University… don’t commit suicide) है।
वह लड़की अपने साथ बीती घटना की शिकायत पुलिस के आलाधिकारी से करना चाह रही है। लेकिन, वहां की पुलिस मना कर रही है। आखिर क्या है इस पीड़िता की मजबूरी जो वह खुदकुशी पर आमादा है। रो रही है। फूट पड़ रही है। कुछ सोच नहीं पा रही है। अपने परिजनों से बात नहीं कर पा रही है। बात करना चाहती है तो उसके साथ कार्यरत पुलिस के अन्य साथी उसे रोक रहे हैं। आखिर उसे क्यों रोका जा रहा है। वह क्या बताना चाह रही है। कहीं इसी सब के बीच कोई अनहोनी ना हो जाए। क्या है पूरा मामला, पढ़िए पूरी खबर
सूत्रों पर भरोसा करें तो उक्त सिपाही की शिकायत है कि थाना के लेखक एवं जामेदार अजीत कुमार की ओर से उक्त महिला सिपाही के साथ अभद्र व्यवहार किया गया है। महिला सिपाही ने पूछने पर कहा कि थाना लेखक ने दो अप्रैल को एक लड़की के साथ एक होटल में गया। होटल पर उसने कहा कि मैं नालंदा जिला से आया हूं। मेरे साथ जो लड़की है वह सिपाही है और मैं थानेदार हूं। मुझे एक रूम चाहिये।
बस यहीं से शुरू होती है यह दास्तांन… थाना लेखक ने होटल में जो नाम लिखाया वह नाम विश्वविद्यालय थाना की एक महिला सिपाही का नाम लिखा दिया। दो अप्रैल के सीसीटीवी फुटेज में उक्त दोनों का फोटो कैद बताया जा रहा है।
थाना लेखक के साथ जो लड़की थी, बताया जा रहा है कि उसका नाम रिम्मी है। वहीं, वहां विश्वविद्यालय थाना के एक महिला सिपाही का नाम लिखवा दिया गया। इस बात की खबर जब उस महिला सिपाही को लगी। तबसे वह काफी परेशान है। और वह रो-रोकर बेहाल है।
वह टेंशन में जी रही है। उसे अवसाद इतना बढ़ गया है तनाव ही हद यह हो गई है कि वह मरने पर उतारू है। हालात यही बन रहे है कि कहीं वह आत्म हत्या भी कर सकती है। या फिर वह अपने परिजनों को बता दी तो बड़ा मामला हो सकता है।
थाना के भी कई पुलिस कर्मी बताते हैं कि थाना लेखक थाना पर भी देर रात नशे में आते हैं। और अभद्र व्यवहार करते हैं। थानाध्यक्ष मदन प्रसाद ने पूछने पर कहा कि मेरी जानकारी में नहीं है। अभी पूछते हैं। वहीं, थाना के एक-एक पुलिसकर्मी इस बात से अवगत हैं। लेकिन, बोलने से सभी परहेज करते हैं।
हालांकि नाम नहीं छापने की शर्त पर थाना लेखक के करतूत को बयां करने से कोई चूक भी नहीं रहे हैं। ऐसे गंभीर मामलों में वरीय पुलिस पदाधिकारी को तुरंत एक्शन में आना चाहिये, ताकि समय रहते उक्त महिला सिपाही के साथ इंसाफ हो सके। और, पुलिस में अनुशासन बना रहें।