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22 जनवरी, 2024
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CM Nitish की ड्रीम प्रोजेक्ट पक्की गली-नाली में वार्ड सदस्य, सचिव पर FIR

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कुशेश्वरस्थान: पक्की गली नाली योजना की राशि गबन के आरोप में पूर्व वार्ड सदस्य और सचिव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

कुशेश्वरस्थान में मुख्यमंत्री पक्की गली-नाली योजना के घोटाले पर पहला वार, एफआईआर

मुख्य बिंदु:

  • घोटाले का आरोप: कुशेश्वरस्थान दक्षिणी पंचायत के वार्ड नंबर एक में मुख्यमंत्री पक्की गली नाली योजना की राशि में 3 लाख 30 हजार रुपये के गबन का आरोप लगाया गया है।
  • आरोपी: पूर्व वार्ड सदस्य दिलखुश पासवान और वार्ड कार्यान्वयन समिति के पूर्व सचिव नसीमा खातून को इस मामले में नामजद किया गया है।
  • शिकायत और कार्रवाई: वर्तमान वार्ड सदस्य भागेश्वर पासवान की शिकायत के आधार पर यह मामला प्रकाश में आया। अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने आरोपों की पुष्टि की और आरोपियों को राशि वापस करने का निर्देश दिया। लेकिन, आरोपियों ने राशि वापस नहीं की जिसके बाद पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
  • पुलिस कार्रवाई: थाना अध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि की है और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है।

हुक्स:

  • मुख्यमंत्री पक्की गली नाली योजना: यह एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और नालियों का निर्माण करना है।
  • गबन: सरकारी धन का गबन एक गंभीर अपराध है।
  • प्राथमिकी: पुलिस द्वारा किसी अपराध के संबंध में दर्ज किया गया एक आधिकारिक दस्तावेज।
  • आरोपी: वह व्यक्ति जिस पर किसी अपराध का आरोप लगाया गया हो।
  • अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी: एक सरकारी अधिकारी जो जनता की शिकायतों को सुनता है और उन पर कार्रवाई करता है।
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कुशेश्वरस्थान प्रखंड के कुशेश्वरस्थान दक्षिणी पंचायत के वार्ड नंबर 1 में मुख्यमंत्री पक्की गली नाली योजना की राशि के गबन के मामले में वार्ड के पूर्व सदस्य और समिति के पूर्व सचिव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

दर्ज प्राथमिकी का विवरण

  • आरोपित:
    1. पूर्व वार्ड सदस्य दिलखुश पासवान
    2. वार्ड कार्यान्वयन समिति की पूर्व सचिव नसीमा खातून
  • शिकायतकर्ता: पंचायत के वर्तमान सचिव दिनेश कुमार चौधरी

आरोप का ब्योरा

  • गबन की राशि: ₹3,30,000
  • आरोप है कि मुख्यमंत्री पक्की गली नाली योजना के तहत इस राशि की निकासी की गई, लेकिन काम नहीं कराया गया।

मामला कैसे उजागर हुआ?

  • वार्ड नंबर 1 के वर्तमान सदस्य भागेश्वर पासवान ने इस गबन की शिकायत अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के न्यायालय में दर्ज कराई थी।
  • सुनवाई के दौरान पूर्व वार्ड सदस्य और सचिव पर लगाए गए आरोप सिद्ध हो गए।
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प्रशासनिक कार्रवाई

  • पूर्वी बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु ने आरोपियों को एक सप्ताह के भीतर गबन की गई राशि वापस करने का निर्देश दिया था।
  • राशि वापस न करने पर बीडीओ ने पंचायत सचिव को आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया।

थाना में कार्रवाई

  • पंचायत सचिव दिनेश कुमार चौधरी के आवेदन पर कुशेश्वरस्थान थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई।
  • थाना अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपितों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

स्थिति की गंभीरता

गबन का मामला उजागर होने और प्राथमिकी दर्ज होने से पंचायत क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। प्रशासन की ओर से सख्त कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया गया है।

प्वाइंटर्स:

  • यह मामला सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है।
  • इस मामले से पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों में कई बार धन का दुरुपयोग होता है।
  • इस मामले में पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई से उम्मीद है कि दोषी लोगों को सजा मिलेगी।
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अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • यह मामला कुशेश्वरस्थान प्रखंड के कुशेश्वरस्थान दक्षिणी पंचायत में हुआ है।
  • इस मामले में शामिल सभी लोगों के नाम प्राथमिकी में दर्ज किए गए हैं।
  • पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है?

यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भी दिखाता है कि आम लोग भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं और उन्हें न्याय मिल सकता है।

आप क्या कर सकते हैं?

  • यदि आप अपने क्षेत्र में इस तरह की कोई गतिविधि देखते हैं तो आप पुलिस या अन्य संबंधित अधिकारियों को सूचित कर सकते हैं।
  • आप अपने क्षेत्र के विकास कार्यों पर नजर रख सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि धन का सही उपयोग हो रहा है।
  • आप अपने समुदाय के लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक कर सकते हैं।

निष्कर्ष:

यह मामला हमें याद दिलाता है कि भ्रष्टाचार एक गंभीर समस्या है और हमें इसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा।

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Editors Note

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