बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग की ओर से बागमती नदी के अधिशेष जल को बूढ़ी गंडक नदी में प्रवाहित करने की एक महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य बागमती नदी की बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों को राहत देना और सिंचाई सुविधा में सुधार करना है।
बाढ़ सुरक्षा के लिए तीन बड़ी परियोजनाएं स्वीकृत
जल संसाधन विभाग ने तीन महत्वपूर्ण बाढ़ सुरक्षा परियोजनाओं को तकनीकी मंजूरी दी है—
- बागमती-शांति धार-बूढ़ी गंडक नदी जोड़ परियोजना
- कमला बलान तटबंधों का उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं सड़क निर्माण (फेज-3)
- चंपारण तटबंध का उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं सड़क निर्माण (किमी 66.0 से किमी 132.80 तक)
बागमती और बूढ़ी गंडक को जोड़ने की योजना
🔹 योजना के तहत सोरमारहाट-हायाघाट तटबंध के किमी 5.40 पर घोघराहा ग्राम से निकली शांति धार के माध्यम से बागमती नदी को बूढ़ी गंडक नदी से जोड़ा जाएगा।
🔹 इसके लिए शांति धार (प्राकृतिक पुरानी नदी धारा) को पुनर्जीवित किया जाएगा।
🔹 इससे दरभंगा और समस्तीपुर जिलों में बाढ़ से सुरक्षा और सिंचाई सुविधा में सुधार होगा।
कमला बलान तटबंधों का होगा सुदृढ़ीकरण
🔹 मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर और सहरसा जिलों के 144 गांवों की 8.60 लाख से अधिक जनसंख्या को बाढ़ से राहत मिलेगी।
🔹 इस परियोजना से बाढ़ अवधि में तटबंधों की निगरानी और कटाव रोकने के लिए सामग्रियों के परिवहन में सुविधा होगी।
🔹 साथ ही, क्षेत्रवासियों को एक वैकल्पिक सड़क मार्ग भी मिलेगा।
बाढ़ से राहत: 144 गांवों को मिलेगा सुरक्षा कवच
इस परियोजना के तहत मधुबनी, दरभंगा, सहरसा और समस्तीपुर जिलों के 144 गांवों की 8.60 लाख से अधिक जनसंख्या को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी।
किन इलाकों को मिलेगा लाभ?
📌 मधुबनी जिला – जयनगर, खजौली, बाबूबरही, राजनगर, अंधराठाढ़ी
📌 दरभंगा जिला – गौड़ा बौराम, कुशेश्वर स्थान पूर्वी
📌 सहरसा जिला – महिषी
📌 समस्तीपुर जिला – बिथान
बागमती-बूढ़ी गंडक लिंक योजना: बाढ़ से राहत और सिंचाई सुविधा
बिहार सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत बागमती नदी के अधिशेष जल को बूढ़ी गंडक नदी में प्रवाहित किया जाएगा। इससे न सिर्फ बाढ़ की समस्या कम होगी, बल्कि सिंचाई के लिए जल भी उपलब्ध रहेगा।
कैसे काम करेगी यह योजना?
📌 बेलवा स्थल (शिवहर) → पुरानी बागमती धार (बेलवा-मीनापुर लिंक चैनल) → मीनापुर (मुजफ्फरपुर) → बूढ़ी गंडक नदी
किन जिलों को मिलेगा लाभ?
✔ शिवहर जिला – पिपराही प्रखंड
✔ पूर्वी चंपारण जिला – पताही प्रखंड
✔ मुजफ्फरपुर जिला – मीनापुर प्रखंड
योजना के प्रमुख लाभ
✅ बाढ़ सुरक्षा – बागमती नदी की बाढ़ से हजारों ग्रामीणों को राहत मिलेगी।
✅ सिंचाई सुविधा – किसानों को खेती के लिए जल की पर्याप्त उपलब्धता होगी।
✅ दीर्घकालिक समाधान – बाढ़ की त्रासदी से स्थायी राहत मिलेगी और जनजीवन सुगम होगा।
बिहार सरकार जल प्रबंधन को बेहतर बनाने और बाढ़ नियंत्रण के लिए इस तरह की योजनाओं पर तेजी से काम कर रही है।
क्या होंगे फायदे?
✔ बाढ़ सुरक्षा – लोगों को बागमती और कमला बलान नदी की बाढ़ से राहत मिलेगी।
✔ सड़क संपर्क बेहतर होगा – तटबंधों के साथ सड़क निर्माण से आवागमन सुगम होगा।
✔ कटाव रोकने में मदद – तटबंधों के निरीक्षण और कटाव निरोधक सामग्रियों के परिवहन में सुविधा होगी।
✔ लंबी अवधि तक सुरक्षा – बाढ़ की समस्या से स्थायी राहत मिलेगी और जनजीवन अधिक सुगम होगा।
बिहार सरकार इस परियोजना के जरिए बाढ़ प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
बागमती नदी का पानी बूढ़ी गंडक में प्रवाहित करने की योजना
🔹 योजना के तहत शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड स्थित बेलवा स्थल से पुरानी बागमती धार (बेलवा-मीनापुर लिंक चैनल) के माध्यम से मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर प्रखंड में बूढ़ी गंडक नदी में अधिशेष जल प्रवाहित किया जाएगा।
🔹 इससे शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड और पूर्वी चंपारण जिले के पताही प्रखंड की बड़ी आबादी को बाढ़ से राहत मिलेगी।
🔹 बाढ़ नियंत्रण के साथ-साथ सिंचाई सुविधा में भी सुधार होगा और क्षेत्र में जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
राज्य में जल प्रबंधन को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता
बिहार सरकार राज्य में जल संसाधनों के समुचित प्रबंधन और बाढ़ से बचाव के लिए लगातार योजनाओं पर कार्य कर रही है। इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से बिहार में बाढ़ नियंत्रण के प्रयासों को मजबूती मिलेगी और लाखों लोगों को राहत मिलेगी।
गायघाट में बागमती नदी पर तटबंध निर्माण का विरोध
दीपक कुमार। बिहार सरकार ने गायघाट में बागमती नदी पर तटबंध निर्माण पर रोक लगाने के लिए रिव्यू कमिटी का गठन किया था, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही निर्माण कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है। इसे सरकार के ही पुराने फैसले के खिलाफ बताया जा रहा है।
चास-वास-जीवन बचाओ बागमती संघर्ष मोर्चा की बैठक
📍 स्थान: मिश्रौली गांव, केवटसा पंचायत
📅 तारीख: 6 मार्च को जिलाधिकारी से मुलाकात तय
बैठक में निर्णय लिया गया कि रिव्यू कमिटी की रिपोर्ट आने तक तटबंध निर्माण पर रोक लगाई जाए। बैठक की अध्यक्षता संजीव कुमार राय ने की, जबकि संचालन मुकेश शर्मा ने किया।
माले नेता जितेंद्र यादव का बयान
माले नेता एवं बागमती संघर्ष मोर्चा के संयोजक जितेंद्र यादव ने कहा:
🔹 सरकार ने रिव्यू कमिटी बनाने की घोषणा की थी, लेकिन उसे प्रभावकारी नहीं बनाया गया।
🔹 रिपोर्ट आए बिना तटबंध निर्माण प्रशासनिक दबाव में कराया जा रहा है, जो अनुचित है।
🔹 अगर निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगी, तो बागमती क्षेत्र की जनता बड़ा आंदोलन छेड़ेगी।
डीएम को सौंपा जाएगा ज्ञापन
संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की जाएगी।
बैठक में शामिल प्रमुख नेता
- जितेंद्र यादव (संयोजक, बागमती संघर्ष मोर्चा)
- नवलकिशोर सिंह
- जगन्नाथ पासवान
- संजीव कुमार राय
- रामलोचन सिंह
- बैद्यनाथ मिश्र
- उमेश राय
- कर्णजीत सिंह
- रविंद्र किशोर सिंह
- राजकिशोर राय
- हुकूमदेव प्रसाद यादव
- मुकेश शर्मा
- मोनाजिर हसन
- मिथिलेश राय
संघर्ष की रणनीति
अगर प्रशासन निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगाता है, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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