Darbhanga News| Hayaghat Deshaj Times Special Story| Exclusive| देखें VIDEO| बाढ़ आश्रय स्थल…जंगल में कौन लेगा आश्रय…बाढ़ से बचेगा, सांप से डसेगा…। जहां, बाढ़ आश्रय स्थल…फुफकार, घास, जंगली भय से आक्रांत है…। इसका कोई रहनुमा बनेगा। दर्द समझेगा। वह भी तब जब बाढ़ की आहट चहुंओर है। जलस्तर बढ़ रहे हैं। ऐसे में, हायाघाट प्रखंड मुख्यालय स्थित बने बाढ़ आश्रय स्थल जंगली घास व जंगल से है भरा पड़ा है। बाढ़ आश्रय स्थल जहरीले सांप-बिच्छुओं का अड्डा है। सांप की फुंफकार से बाढ़ आश्रय स्थल जाने से अभी से डरते लोग, क्या जब सचमुच सैलाब उमड़ेगा…यहां जिंदगी को राहत मिलेगी, या सांप की मौत…। देखें VIDEO|
Darbhanga News| Hayaghat Exclusive News| यह बाढ़ आश्रय स्थल है या मौत को खुला आमंत्रण
सूबे के नीतीश सरकार ने लाखों रूपए की लागत से बाढ़ के समय बाढ़ पीड़ितों को शरण देने के लिए सरकार की ओर से निर्मित प्रखंड मुख्यालय से चंद दूरी पर अवस्थित बाढ़ आश्रय स्थल मुख्यालय समेत जगह-जगह बाढ़ आश्रय स्थल भवन का निर्माण तो जरूर कराया। लेकिन, आज यह बाढ़ आश्रय (Forest becomes flood shelter in Hayaghat of Darbhanga) स्थल अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है।
Darbhanga News| Hayaghat Exclusive News| कोई रहनुमा है जो मेरे दर्द को समझे
जहां हायाघाट प्रखंड मुख्यालय से महज कुछ दूरी अवस्थित बाढ़ आश्रय स्थल मानों चीख-चीखकर यहीं बयां कर रहा है, कोई रहनुमा मेरे दर्द को समझे। जहां उक्त स्थल पूरी तरह चारों ओर से घास-जंगल से घिर चुका है। वहीं, उक्त भवन की हालत बेहद जर्जर है। रख-रखाव के अभाव में उक्त आश्रय स्थल का फर्श भी कई स्थानों पर टूटने लगा है।
Darbhanga News| Hayaghat Exclusive News| सीओ शशि कुमार भास्कर ने बताया,
वहीं, उचित देखभाल के अभाव में उक्त बाढ़ आश्रय स्थल पर तथा उक्त मकान के चारों तरफ जंगली घास-फूस उगने से उक्त भवन भूत बंगला में तब्दील हो गया है। वहीं उक्त जंगली घास में जहरीले सांप ने अपना बसेरा बना लिया है। आलम यह है कि छत का छज्जा जगह-जगह टूटकर जमीन पर गिर रहा है। इधर, इस बावत पूछे जाने पर अंचलाधिकारी शशि कुमार भास्कर ने बताया, उक्त भवन की साफ-सफाई जल्द करवायी जाएगी।