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27 अगस्त, 2024
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Darbhanga त्रासदी, बड़ा हादसा! स्नान करने गए – कमला नदी में डूबने से 4 बच्चों की मौत, ‘रोहित तूझे सलाम’

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दरभंगा त्रासदी: दरभंगा में बड़ा हादसा! खेलते-खेलते पहुंच गए मौत की धारा में –कमला नदी में डूबकर 4 बच्चों की मौत, गांव रो पड़ा। कमला नदी में डूबे 4 मासूम, गांव में मचा कोहराम। स्नान करने गए 8 बच्चे, लौटे सिर्फ 4 – कमला नदी ने निगल ली चार जिंदगियां। रोहित ने बचाई 2 बच्चियों की जान, लेकिन खुद डूब गया कमला नदी में – दरभंगा में मातम।@दरभंगा-गौड़ाबौराम, देशज टाइम्स।

दरभंगा के गौड़ाबौराम में चार बच्चों की डूबने से मौत, कमला नदी में स्नान के दौरान हादसा

दरभंगा, देशज टाइम्स – जिले के गौड़ाबौराम प्रखंड क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। कमला नदी में स्नान करने गए आठ बच्चों में से चार की तेज धारा में डूबने से मौत हो गई। मृतकों में तीन बेटियाँ और एक बेटा शामिल हैं। घटना के बाद पूरे इलाके में मातम और परिवारों में कोहराम मचा हुआ है।

कमला नदी (Kamala River) नेपाल और बिहार से होकर बहती है और मानसून के दौरान अक्सर तेज धारा और बाढ़ का रूप ले लेती है। यही वजह है कि नदी स्नान और मछली पकड़ने के दौरान कई बार हादसों का कारण बनती रही है।

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हादसा कैसे हुआ?

शनिवार दोपहर करीब 12 बजे, बसौली गांव के आठ बच्चे बेलाही घाट स्थित कमला नदी में नहाने के लिए गए थे। सभी बच्चे खेल-खेल में नदी में उतर गए। इस दौरान नदी की तेज धारा में चार बच्चे बह गए।

डूबने वाले बच्चों की पहचान इस प्रकार है, इसमें शीतला कुमारी (पिता – चंदू ),लक्ष्मी कुमारी (पिता – नारायण मुखिया), अंशु कुमारी (पिता – प्रमोद मुखिया), रोहित कुमार (पिता – जयशंकर तांती), सभी बच्चों की उम्र 12 से 14 वर्ष के बीच बताई जा रही है।

रोहित ने दिखाई बहादुरी, लेकिन बचाते-बचाते खुद खो गया जीवन

इस दर्दनाक घटना में सबसे मार्मिक पहलू यह रहा कि मृतक रोहित कुमार ने अपनी जान की परवाह न करते हुए नदी में संघर्ष कर दो बच्चियों को बचा लिया। लेकिन जब उसने अन्य बच्चों को बचाने की कोशिश की, तब वह खुद गहरे पानी में समा गया।

गांववाले रोहित की बहादुरी को ‘बलिदान’ बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि उसकी हिम्मत से कम से कम दो परिवारों के बच्चे आज सुरक्षित हैं।

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गांव में मातम, परिवारों में कोहराम

घटना की जानकारी मिलते ही गांव में मातमी सन्नाटा छा गया। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शीतला, लक्ष्मी और अंशु की मौत से गांव की बेटियों को खोने का असहनीय दर्द हर कोई महसूस कर रहा है।

वहीं रोहित की मौत ने पूरे गांव को गहरी भावनात्मक चोट दी है क्योंकि वह बच्चों को बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवा बैठा। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हादसे के बाद हर घर में शोक की लहर दौड़ गई और गांव के लोग बच्चों के परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका

घटना की सूचना पाकर स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। बच्चों के शवों को नदी से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

पुलिस ने बताया कि यह हादसा पूरी तरह दुर्भाग्यपूर्ण है और परिजनों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बारिश के मौसम में नदी स्नान से बचें और बच्चों को खासतौर पर नदी के आसपास न जाने दें।

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कमला नदी और डूबने की घटनाएं

कमला नदी बिहार की प्रमुख नदियों में से एक है, लेकिन हर साल इसमें डूबने की घटनाएं  सामने आती रहती हैं। मानसून के समय नदी का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है।तेज बहाव और गहराई की सही जानकारी न होने के कारण अक्सर हादसे हो जाते हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में पानी से जुड़ी सुरक्षा की जानकारी और तैराकी की ट्रेनिंग बच्चों के लिए बेहद ज़रूरी है। Awareness) शुरू किया जाए।

 गौड़ाबौराम में हुआ यह हादसा न केवल चार परिवारों के लिए

दरभंगा के गौड़ाबौराम में हुआ यह हादसा न केवल चार परिवारों के लिए अपूर्णीय क्षति है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी भी है। एक ओर जहां रोहित की बहादुरी ने मानवता को गर्वित किया, वहीं दूसरी ओर कम उम्र के बच्चों की मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। प्रशासनिक स्तर पर यदि सुरक्षा उपाय किए जाएं तो भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है।

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