
दरभंगा के तत्कालीन प्रभारी एसएसपी अशोक प्रसाद अपने कम कार्यकाल के दौरान ही खूब सुर्खियों में रहे। कारण, इस दौरान उन्होंने ऐसी गलती की, जिसे जानना उच्चस्तरीय पुलिस के अधिकारी भी नहीं चाहते या जानकर अंजान बने रहे। क्योंकि, श्री प्रसाद ने अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान रुटीन वर्क से हटकर अन्य कार्यों में ज्यादा और विशेष रुचि दिखाई। नियम के विरुद्ध उन्होंने 72 पुलिसकर्मियों का तबादला किया। यह सब तब हुआ जब दरभंगा के पूर्णकालिक एसएसपी अवकाश कुमार को अचानक छुट्टी पर जाना पड़ गया। इस दौरान बतौर प्रभारी एसएसपी कार्य कर रहे श्री प्रसाद ने कई ऐसे कार्याें को किया जो जो पूरे बिहार में चर्चा का विषय बन गया। अब सवाल यही है, जिसकी उम्मीद पूरे दरभंगा समेत बिहार को है, वर्तमान पूर्णकालिक एसएसपी अवकाश कुमार उनकी गलतियों को सुधारेंगे। एक बेहतर पुलिसिंग की कार्यशैली को बढ़ावा देंगे जिसमें वह जुट गए हैं। पढ़िए देशज टाइम्स के अपराध ब्यूरो प्रमुख संजय कुमार राय ( Sanjay kumar Ray) की EXCLUSIVE रिपोर्ट:
इन दिनों पुलिस की कार्यशैली पूरे बिहार में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा भी क्यों नहीं हो। जब पुलिस के आला अधिकारी ही नियमों को ताख पर रखकर अवैध तरीके से कार्यों को अंजाम दे दिये हों? जी हां, हम बात कर रहे हैं दरभंगा के प्रभारी एसपी अशोक प्रसाद के बारें में।
दरभंगा के प्रभारी एसएसपी अशोक प्रसाद
जिन्होंने सरकार के तमाम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए प्रभार के दौरान मन-मर्जी तरीके से कई कार्यों को अंजाम दिया। प्रभार के दौरान 72पुलिस कर्मियों को इधर से उधर किया जो पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया।
इसमें 11ओपी अध्यक्ष और थानाध्यक्षों की पोस्टिंग शामिल है। सरकार के प्रशासनिक विभाग के अनुसार प्रभारी एसपी को सिर्फ रूटीन कार्यों को अंजाम देना था। जबकि, उन्होंने नियमों से हटकर अपने मन से ट्रांसफर और पोस्टिंग कर दिया।उन्हें विशेष परिस्थितियों में विधि व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए ही रूटीन वर्क से हटकर काम करना था।
चर्चा तो यह भी है कि कई पुलिसकर्मियों पर चल रहे विभागीय कार्यवाही को भी इनकी ओर से निष्पादित किया गया है जो नियमाकुल नहीं है। यह जांच का विषय है।
आईजी ललन मोहन प्रसाद से पूछे जाने पर कहा कि आप किस एसपी की बात कर रहे है मैं समझ रहा हूं। हां, हम इतना कह सकते हैं कि मैंने किसी मामले में अनुमोदन नहीं किया है।
राज्य सरकार ने मुजफ्फरपुर रेल एसपी के पद पर अशोक कुमार और अवकाश कुमार को दरभंगा के एसएसपी पद पर पदस्थापन किया था। लेकिन एसएसपी अवकाश कुमार को अचानक से कुछ घरेलू समस्याओं को लेकर छुट्टी पर जाना पड़ गया।
जनवरी के प्रथम सप्ताह से लेकर एसएसपी अवकाश कुमार छुट्टी पर चल रहे थे। लेकिन करीब एक सप्ताह पूर्व दरभंगा एसएसपी अवकाश कुमार ने प्रभार ग्रहण कर लिया है। अब लोगों के बीच चर्चा है, क्या एसएसपी अवकाश कुमार प्रभारी एसएसपी अशोक प्रसाद की ओर से लिए गए असंवैधानिक निर्णय को पलट देंगे या कार्रवाई के लिए वरीय पुलिस पदाधिकारी या सरकार को पत्र लिखेंगे?
डीजी स्तर या कई पुलिस के आलाधिकारीयों से जब इस बाबत देशज टाइम्स ने बात की तो पता चला कि आज तक किसी ने नहीं किया और बिहार में कोई भी एसएसपी या एसपी प्रभार में रहते हुए रूटीन वर्क से हटकर काम नहीं कर सकता है। इस बात से पूरा पुलिस महकमा समेत आम लोग अचंभित हैं। चर्चा तो और भी कई हैं। खोलेंगे धीरे-धीरे।
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