शंकर चौधरी, कुशेश्वरस्थान, दरभंगा | प्रखंड सभा भवन में मंगलवार को एलडीएम विकास कुमार की अध्यक्षता में वित्तीय समावेशन संतृप्ति शिविर का आयोजन हुआ। इस अवसर पर आरबीआई बिहार-झारखंड के मुख्य महाप्रबंधक सह लोकपाल कुमार राजेश रंजन, पीएनबी एजीएम पटना बिपल्व कुमार, और अन्य बैंक अधिकारियों ने जनता को संबोधित किया।
ई-केवाईसी अनिवार्यता पर जानकारी
शिविर में बताया गया कि वर्ष 2015-16 में खोले गए सभी जन धन और बचत खातों का ई-केवाईसी अनिवार्य है।
खाताधारकों को अब बैंक जाने की आवश्यकता नहीं है;
पंचायत स्तर के बैंक सीएसपी केंद्र पर पहचान प्रमाण जमा कर ई-केवाईसी कराया जा सकता है;
हर 10 साल में केवाईसी कराना जरूरी है, अन्यथा खाता बंद हो सकता है।
नब्बे हजार करोड़ बिना दावेदार राशि
आरबीआई के लोकपाल ने बताया कि बैंकों के पास 90,000 करोड़ रुपये की ऐसी राशि पड़ी है, जिसका कोई दावेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस राशि को कम करने के लिए सभी बैंकों को निर्देश दिए गए हैं।
शिकायत निवारण प्रक्रिया
ग्राहकों से अपील की गई कि बैंक से किसी भी समस्या पर पहले लिखित शिकायत दर्ज करें।यदि 30 दिनों में कार्रवाई न हो, तो सीधे लोकपाल कार्यालय में शिकायत दर्ज करें, जहां तय समय में निपटारा होगा।
डिजिटल फ्रॉड से बचाव के उपाय
अनजाने कॉल या लिंक पर क्लिक न करें।
किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत या बैंक संबंधी जानकारी साझा न करें।
डिजिटल लेन-देन में सतर्क रहें।
सरकारी योजनाओं की जानकारी
शिविर में पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, सुकन्या योजना, PMGSY, मुद्रा लोन, पशुपालन योजनाएं आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
अधिकारियों ने कहा कि सालाना 20 रुपये प्रीमियम में बीमा लाभ का फायदा अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना लक्ष्य है।
उपस्थित गणमान्य
इस मौके पर पीएनबी शाखा प्रबंधक संतोष शर्मा, बीपीएम जीविका संजीव कुमार शर्मा, चंदन कुमार, जटाशंकर कुमार, अरविंद कुमार, ग्रामीण बैंक व सेंट्रल बैंक के शाखा प्रबंधक और जीविका कार्यकर्ता मौजूद रहे।