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10 मार्च, 2024
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Darbhanga में असुरक्षित भगवान!

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देशज टाइम्स | Highlights - [hide]

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दरभंगा में अब भगवान भी सुरक्षित नहीं हैं। लगातार अपराधियों की निगाहें यहां के देवालयों पर है। कीमती मूर्तियों पर इनकी नजर, कतई शुभ संकेत नहीं है। इसकी हिफाजत की (God is unsafe in Darbhanga | DeshajTimes.Com) कोई तात्कालिक व्यवस्था ना तो मंदिर प्रबंधन के पास है। ना ही पुलिस प्रशासन के पास। पढ़िए देशज टाइम्स। प्रभास रंजन की यह रिपोर्ट।

दरभंगा में मंदिरों पर अपराधियों की नजर, बढ़ रही चोरी की घटनाएं

🔴 भगवान भी असुरक्षित! मंदिरों से बेशकीमती मूर्तियों की चोरी जारी

➡️ आस्था पर संकट: लगातार बढ़ रही मंदिरों में चोरी की घटनाएं
➡️ मनीगाछी के वाणेश्वरी भगवती मंदिर से लाखों के आभूषण चोरी
➡️ गोपालपुर, बहेड़ा, नेहरा, कन्हौली समेत कई मंदिरों में चोरों का आतंक
➡️ भालपट्टी के दुलारपुर गांव और मकरमपुर में भी हुई बड़ी चोरी

⚠️ मंदिरों की सुरक्षा पर सवाल, अपराधी हो रहे हाईटेक

📌 जिले के मंदिरों में सुरक्षा इंतजाम न के बराबर
📌 अपराधी नई तकनीकों से कर रहे वारदात, सुरक्षा के पारंपरिक उपाय विफल
📌 ट्रस्टी और प्रशासन के बीच सुरक्षा को लेकर समन्वय का अभाव
📌 भक्तों के साथ छिनतई की घटनाएं भी बढ़ीं, चेन कटिंग आम हो चुकी है

🛑 आखिर मंदिरों की सुरक्षा किसकी जिम्मेदारी?

ट्रस्टी और प्रबंधन को पुलिस प्रशासन से सुरक्षा पर ठोस बातचीत करनी होगी
मंदिरों में CCTV, गार्ड और मजबूत सुरक्षा द्वार की जरूरत
स्थानीय समाज को भी सतर्क रहना होगा, मंदिर सुरक्षा में सहयोग बढ़ाना होगा

👉 देशज टाइम्स। अगर जल्द सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हुए तो आस्था के इन केंद्रों को सुरक्षित रखना मुश्किल हो जाएगा!

🛑 दरभंगा के मंदिर कैसे सुरक्षित रहेंगे? यह एक गंभीर सवाल?

देशज टाइम्स। ऐसे में, दरभंगा के मंदिर कैसे सुरक्षित रहेंगे? यह एक गंभीर सवाल है। आशंकित करतीं हमारी आस्था को सहेजने की बुनावट तलाशती सामने है। अपराधियों के खिलाफ लगातार दरभंगा पुलिस प्रशासन का काम हौंसला बढ़ाता है। मगर, चोरी की बढ़ती घटनाओं खासकर मंदिरों की बेशकीमती और अमूल्य मूर्तियों को ठिकाने लगाने बढ़तीं घटनाएं विचलित करती हैं।

⚠️ मंदिरों के रखरखाव या यूं कहें तो इसकी आंतरिक सुरक्षात्मक उपायों

देशज टाइम्स। इन दिनों मंदिरों में चोरी की वारदातें काफी बढ़ गई हैं। इसकी एक वजह भी है। दरभंगा जिले के अधिकांश मंदिरों के रखरखाव या यूं कहें तो इसकी आंतरिक सुरक्षात्मक उपायों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। वैसे, लोहद्वार भर हैं जिस ओर से प्रवेश अपराधियों के लिए बेहद आसान है।

🛑 अपराधी हाइटेक हो रहे हैं। नित्य अपराध के हुनर

देशज टाइम्स। अपराधी हाइटेक हो रहे हैं। नित्य नए अपराध के हुनर सीख रहे। उसी को अपना हथियार बना रहे। मगर, इस लिहाज से सुरक्षा के उपाय आधुनिकता के बजाए आज भी जर्जर लड़कियों के सहारे सुरक्षित भर रहने की औपचारिकता कर रहे।

🔴 सुरक्षा के उपाय दीर्घकालिक नहीं होकर अशंकालिक है

देशज टाइम्स। फिर यूं कहें कि मंदिर के अंदर और बाहर परिसर में सुरक्षा के उपाय दीर्घकालिक नहीं होकर अशंकालिक है। लगातार इसकी चर्चा भी नहीं होती। सुरक्षात्मक कोई विशेष उपाय नहीं होते। यही वजह है, अब मंदिर अपराधियों के टारगेट पर है।

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⚠️ अपराधियों के सेफ जोन में मंदिर सामने है

देशज टाइम्स। अपराधियों के सेफ जोन में मंदिर सामने है। इसको लेकर ना तो समाज चिंतित है। ना इस ओर कोई ध्यान है। पुलिस प्रबंधन के पास भी कोई सुरक्षात्मक तैयारी खास नहीं है। फिर मंदिर की सुरक्षा किसके जिम्मे हो यह सवाल बाजिव ही नहीं,वर्तमान परिवेश में जरूरी भी है।

🔴 मंदिरों में चोरी की वारदातों का आंकड़ा चौंकाता है, सवाल भी

देशज टाइम्स। पिछले, 26 दिसंबर से लेकर बीती रात यानि नौ मार्च की देर रात तक की अगर मंदिरों में चोरी की वारदातों का आंकड़ा देखें तो लगभग छह से नौ-दस वारदातें हो चुकी हैं।

⚠️ शक्तिपीठ वाणेश्वरी भगवती मंदिर तक सेफ नहीं

देशज टाइम्स। मनीगाछी (दरभंगा) स्थित मिथिला के प्रसिद्ध शक्ति पीठ वाणेश्वरी भगवती मंदिर में चोरी होती है। गुरुवार की यह भयावह रात का अंत जब सुबह दिखा तो सामने मंदिर से लाखों के आभूषण और नकदी गायब थे। इसमें सोने की मुकुट, चांदी के मुकुट समेत अन्य कीमती धातु की वस्तुएं शामिल मिलीं।

🔴 यह घटनाएं, विचलित करती हैं

देशज टाइम्स। गोपालपुर में निर्माणाधीन शिव मंदिर की दानपेटी से राशि की चोरी। बहेड़ा के तरनी काली मंदिर, मनीगाछी के राघोपुर पंचायत के गोढ़ियारी हनुमानमंदिर में लाखों की चोरी। नेहरा महावीर मंदिर और कन्हौली दुर्गा मंदिर में चोरी।

🔴 ताजा मामला, आगाह के साथ सामने है

देशज टाइम्स। ताजा मामला, सदर भालपट्टी के दुलारपुर गांव का है। यहां, बीती रात दो व मकरमपुर गांव में एक मंदिर से लाखों के चांदी व पीतल के सामानों की चोरी ने एकबारगी ग्रामीणों में भारी आक्रोश भर गया है। ठिकरा पुलिस पर फूट रहा लेकिन अकेले पुलिस प्रशासन दोषी नहीं है।

⚠️ मिलकर मंदिरों की सुरक्षा का व्यापक

नौरत्न राम जानकी मंदिर समेत अधिकांश मंदिर के रखरखाव का जिम्मा ट्रस्टी या अन्य लोगों के जिम्मे हैं। क्या कभी इन लोगों ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा संबंधी को विमर्श किया। कोई सहयोग मांगा। कोई चर्चा कहीं कुछ हुई। मंदिर समिति को चाहिए पुलिस प्रशासन से मिलकर मंदिरों की सुरक्षा का व्यापक सुरक्षात्मक उपाय करे।

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🔴 छिनतई की वारदातें अक्सर

देशज टाइम्स। इतना ही नहीं, मंदिर परिसरों से भक्तों के साथ छिनतई की वारदातें अक्सर कहें या सामान्य रूप में देखता है। चाहे श्यामा मंदिर में एक जनवरी को दर्ज वह बेगूसराय जिले के तेघड़ा थाना अंतर्गत बिठौली गांव निवासी सुधीर कुमार का आवेदन हो, ऐसे चेन कटिंग अक्सर दिख रहे। सुधीर की पत्नी प्रियंका कुमारी अकेली महिला नहीं हैं जिनकी चेन पूजा करने के दौरान काट ली गई हो।

🔴 मंदिरों की सुरक्षा के पुख्ता उपाय

देशज टाइम्स। मंदिरों में लगातार हो रही चोरियों को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक और सामुदायिक सहयोग जरूरी है। सुरक्षा के ये उपाय अपनाए जा सकते हैं:

1️⃣ आधुनिक सुरक्षा उपाय

CCTV कैमरे:

  • मंदिर परिसर के हर एंट्री-एग्जिट पॉइंट, गर्भगृह और दानपेटी के पास कैमरे लगें।
  • नाइट विजन कैमरे से रात में भी निगरानी संभव होगी।
  • कैमरों की फुटेज क्लाउड स्टोरेज या हार्ड डिस्क में सेव हो ताकि सबूत सुरक्षित रहें।

बायोमेट्रिक एंट्री:

  • मंदिर प्रबंधन, पुजारी और कर्मचारियों की पहचान के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम
  • RFID कार्ड एंट्री से अनधिकृत लोगों की एंट्री रोकी जा सकती है।

सुरक्षा गार्ड और इमरजेंसी अलार्म:

  • मंदिर परिसर में 24×7 सुरक्षा गार्ड होने चाहिए।
  • मोशन सेंसर अलार्म जो संदिग्ध हरकत होने पर बज जाए।

स्मार्ट ताले और मजबूत गेट:

  • मंदिरों के गर्भगृह, दानपेटी और मूर्तियों के कक्ष में डिजिटल लॉक लगें।
  • मजबूत आयरन ग्रिल और गेट सेराफे रखें जिससे जबरन प्रवेश रोका जा सके।

2️⃣ प्रशासनिक और कानूनी उपाय

स्थानीय प्रशासन से समन्वय:

  • पुलिस गश्त बढ़ाई जाए, खासकर रात के समय।
  • मंदिर ट्रस्ट और स्थानीय प्रशासन साप्ताहिक बैठक करें।

सुरक्षा समिति का गठन:

  • मंदिरों में स्थानीय लोगों और पुलिस की एक सुरक्षा समिति बने।
  • समिति संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग करे और पुलिस को अलर्ट रखे।

चोरी रोकने के लिए कड़ा कानून:

  • मंदिरों से मूर्तियों की चोरी पर सख्त सजा का प्रावधान हो।
  • चोरी की घटनाओं की तेजी से जांच और ट्रैकिंग हो।

3️⃣ सामुदायिक और भक्तों की भागीदारी

रात्रि पहरेदारी (Night Patrol):

  • स्थानीय युवा और भक्तों की टीम रात में मंदिर परिसर की निगरानी करें
  • व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत साझा करें।

दानपेटी और मूर्तियों की सुरक्षा:

  • दानपेटी मजबूत तिजोरी में रखें और दिन में ही खाली करें।
  • कीमती मूर्तियों को मंदिर में अलार्म-सक्षम कांच के केस में रखा जाए।
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भक्तों की जागरूकता:

  • मंदिर में आने वाले भक्तों को संदिग्ध गतिविधियों पर सतर्क रहने के लिए कहा जाए।
  • प्रवेश द्वार पर चेकिंग पॉइंट और मेटल डिटेक्टर लगाया जाए।

    🔴 पुलिस को क्या कदम उठाने चाहिए?

    बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन (Verification)

    • गांवों में घूमने वाले संदिग्ध व्यक्तियों का आधार कार्ड, वोटर ID या अन्य पहचान पत्र चेक किया जाए।
    • स्थानीय थाने में रिकॉर्ड दर्ज किया जाए कि कोई बाहरी व्यक्ति कहां से आया है और कितने समय तक गांव में रहेगा।
    • यदि कोई बिना पहचान पत्र के घूम रहा हो, तो उसे पूछताछ के लिए थाने बुलाया जाए।

    गांवों में सुरक्षा अभियान चलाया जाए

    • ग्राम प्रधान, चौकीदार और स्थानीय लोगों के सहयोग से एक “सुरक्षा टीम” बनाई जाए, जो बाहरी लोगों की निगरानी करे।
    • हर गांव में पुलिस की ओर से बैठक कर जागरूकता फैलाई जाए, ताकि लोग अनजान व्यक्तियों को शरण न दें।

    रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू किया जाए

    • भीख मांगने वाले, फेरीवाले या मजदूरी के लिए आए लोगों का एक अस्थायी रजिस्ट्रेशन किया जाए।
    • ऐसे लोगों को गांव के किसी व्यक्ति की गारंटी पर ही रुकने दिया जाए

    संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दी जाए

    • गांव के लोग संदिग्ध लोगों की सूचना तुरंत पुलिस या ग्राम सुरक्षा समिति को दें
    • WhatsApp ग्रुप बनाकर पुलिस, ग्राम प्रधान और स्थानीय लोगों को जोड़ा जाए, ताकि तुरंत सूचना साझा की जा सके।

    CCTV और पुलिस गश्त बढ़ाई जाए

    • प्रमुख गांवों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और पुलिस की रात्रि गश्त (patrolling) बढ़ाई जाए।
    • हर गांव में हफ्ते में कम से कम एक बार पुलिस चौकीदारों के साथ सुरक्षा बैठक करे

    🔴 जनता को क्या करना चाहिए?

    ✔ अनजान और संदिग्ध व्यक्तियों को रात में रुकने न दें
    मंदिरों, स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर बिना अनुमति किसी को भी ठहरने न दें।
    फेरीवालों, साधुओं और भिक्षुकों से पूछताछ करें और कोई संदेह हो तो पुलिस को तुरंत सूचित करें।
    ✔ अपने गांव में अचानक आने वाले बाहरी मजदूरों या प्रवासियों की जानकारी रखें।

    🔴 निष्कर्ष

    👉 पुलिस, प्रशासन और आम जनता मिलकर ही इस तरह के अपराधों को रोक सकती है। यदि कोई बाहरी व्यक्ति पहचान पत्र नहीं दिखाता है या संदिग्ध रूप से घूम रहा है, तो उसे तुरंत थाने में सूचना दी जाए।

    📢 क्या आपके गांव या इलाके में इस तरह का कोई अभियान चल रहा है? यदि नहीं, तो पुलिस से संपर्क कर इसे लागू करवाने की पहल करें!

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