दरभंगा में अब भगवान भी सुरक्षित नहीं हैं। लगातार अपराधियों की निगाहें यहां के देवालयों पर है। कीमती मूर्तियों पर इनकी नजर, कतई शुभ संकेत नहीं है। इसकी हिफाजत की (God is unsafe in Darbhanga | DeshajTimes.Com) कोई तात्कालिक व्यवस्था ना तो मंदिर प्रबंधन के पास है। ना ही पुलिस प्रशासन के पास। पढ़िए देशज टाइम्स। प्रभास रंजन की यह रिपोर्ट।
🛑 दरभंगा के मंदिर कैसे सुरक्षित रहेंगे? यह एक गंभीर सवाल?
देशज टाइम्स। ऐसे में, दरभंगा के मंदिर कैसे सुरक्षित रहेंगे? यह एक गंभीर सवाल है। आशंकित करतीं हमारी आस्था को सहेजने की बुनावट तलाशती सामने है। अपराधियों के खिलाफ लगातार दरभंगा पुलिस प्रशासन का काम हौंसला बढ़ाता है। मगर, चोरी की बढ़ती घटनाओं खासकर मंदिरों की बेशकीमती और अमूल्य मूर्तियों को ठिकाने लगाने बढ़तीं घटनाएं विचलित करती हैं।
⚠️ मंदिरों के रखरखाव या यूं कहें तो इसकी आंतरिक सुरक्षात्मक उपायों
देशज टाइम्स। इन दिनों मंदिरों में चोरी की वारदातें काफी बढ़ गई हैं। इसकी एक वजह भी है। दरभंगा जिले के अधिकांश मंदिरों के रखरखाव या यूं कहें तो इसकी आंतरिक सुरक्षात्मक उपायों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। वैसे, लोहद्वार भर हैं जिस ओर से प्रवेश अपराधियों के लिए बेहद आसान है।
🛑 अपराधी हाइटेक हो रहे हैं। नित्य अपराध के हुनर
देशज टाइम्स। अपराधी हाइटेक हो रहे हैं। नित्य नए अपराध के हुनर सीख रहे। उसी को अपना हथियार बना रहे। मगर, इस लिहाज से सुरक्षा के उपाय आधुनिकता के बजाए आज भी जर्जर लड़कियों के सहारे सुरक्षित भर रहने की औपचारिकता कर रहे।
🔴 सुरक्षा के उपाय दीर्घकालिक नहीं होकर अशंकालिक है
देशज टाइम्स। फिर यूं कहें कि मंदिर के अंदर और बाहर परिसर में सुरक्षा के उपाय दीर्घकालिक नहीं होकर अशंकालिक है। लगातार इसकी चर्चा भी नहीं होती। सुरक्षात्मक कोई विशेष उपाय नहीं होते। यही वजह है, अब मंदिर अपराधियों के टारगेट पर है।
⚠️ अपराधियों के सेफ जोन में मंदिर सामने है
देशज टाइम्स। अपराधियों के सेफ जोन में मंदिर सामने है। इसको लेकर ना तो समाज चिंतित है। ना इस ओर कोई ध्यान है। पुलिस प्रबंधन के पास भी कोई सुरक्षात्मक तैयारी खास नहीं है। फिर मंदिर की सुरक्षा किसके जिम्मे हो यह सवाल बाजिव ही नहीं,वर्तमान परिवेश में जरूरी भी है।
🔴 मंदिरों में चोरी की वारदातों का आंकड़ा चौंकाता है, सवाल भी
देशज टाइम्स। पिछले, 26 दिसंबर से लेकर बीती रात यानि नौ मार्च की देर रात तक की अगर मंदिरों में चोरी की वारदातों का आंकड़ा देखें तो लगभग छह से नौ-दस वारदातें हो चुकी हैं।
⚠️ शक्तिपीठ वाणेश्वरी भगवती मंदिर तक सेफ नहीं
देशज टाइम्स। मनीगाछी (दरभंगा) स्थित मिथिला के प्रसिद्ध शक्ति पीठ वाणेश्वरी भगवती मंदिर में चोरी होती है। गुरुवार की यह भयावह रात का अंत जब सुबह दिखा तो सामने मंदिर से लाखों के आभूषण और नकदी गायब थे। इसमें सोने की मुकुट, चांदी के मुकुट समेत अन्य कीमती धातु की वस्तुएं शामिल मिलीं।
🔴 यह घटनाएं, विचलित करती हैं
देशज टाइम्स। गोपालपुर में निर्माणाधीन शिव मंदिर की दानपेटी से राशि की चोरी। बहेड़ा के तरनी काली मंदिर, मनीगाछी के राघोपुर पंचायत के गोढ़ियारी हनुमानमंदिर में लाखों की चोरी। नेहरा महावीर मंदिर और कन्हौली दुर्गा मंदिर में चोरी।
🔴 ताजा मामला, आगाह के साथ सामने है
देशज टाइम्स। ताजा मामला, सदर भालपट्टी के दुलारपुर गांव का है। यहां, बीती रात दो व मकरमपुर गांव में एक मंदिर से लाखों के चांदी व पीतल के सामानों की चोरी ने एकबारगी ग्रामीणों में भारी आक्रोश भर गया है। ठिकरा पुलिस पर फूट रहा लेकिन अकेले पुलिस प्रशासन दोषी नहीं है।
⚠️ मिलकर मंदिरों की सुरक्षा का व्यापक
नौरत्न राम जानकी मंदिर समेत अधिकांश मंदिर के रखरखाव का जिम्मा ट्रस्टी या अन्य लोगों के जिम्मे हैं। क्या कभी इन लोगों ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा संबंधी को विमर्श किया। कोई सहयोग मांगा। कोई चर्चा कहीं कुछ हुई। मंदिर समिति को चाहिए पुलिस प्रशासन से मिलकर मंदिरों की सुरक्षा का व्यापक सुरक्षात्मक उपाय करे।
🔴 छिनतई की वारदातें अक्सर
देशज टाइम्स। इतना ही नहीं, मंदिर परिसरों से भक्तों के साथ छिनतई की वारदातें अक्सर कहें या सामान्य रूप में देखता है। चाहे श्यामा मंदिर में एक जनवरी को दर्ज वह बेगूसराय जिले के तेघड़ा थाना अंतर्गत बिठौली गांव निवासी सुधीर कुमार का आवेदन हो, ऐसे चेन कटिंग अक्सर दिख रहे। सुधीर की पत्नी प्रियंका कुमारी अकेली महिला नहीं हैं जिनकी चेन पूजा करने के दौरान काट ली गई हो।
🔴 मंदिरों की सुरक्षा के पुख्ता उपाय
देशज टाइम्स। मंदिरों में लगातार हो रही चोरियों को रोकने के लिए आधुनिक तकनीक और सामुदायिक सहयोग जरूरी है। सुरक्षा के ये उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1️⃣ आधुनिक सुरक्षा उपाय
✅ CCTV कैमरे:
- मंदिर परिसर के हर एंट्री-एग्जिट पॉइंट, गर्भगृह और दानपेटी के पास कैमरे लगें।
- नाइट विजन कैमरे से रात में भी निगरानी संभव होगी।
- कैमरों की फुटेज क्लाउड स्टोरेज या हार्ड डिस्क में सेव हो ताकि सबूत सुरक्षित रहें।
✅ बायोमेट्रिक एंट्री:
- मंदिर प्रबंधन, पुजारी और कर्मचारियों की पहचान के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम।
- RFID कार्ड एंट्री से अनधिकृत लोगों की एंट्री रोकी जा सकती है।
✅ सुरक्षा गार्ड और इमरजेंसी अलार्म:
- मंदिर परिसर में 24×7 सुरक्षा गार्ड होने चाहिए।
- मोशन सेंसर अलार्म जो संदिग्ध हरकत होने पर बज जाए।
✅ स्मार्ट ताले और मजबूत गेट:
- मंदिरों के गर्भगृह, दानपेटी और मूर्तियों के कक्ष में डिजिटल लॉक लगें।
- मजबूत आयरन ग्रिल और गेट सेराफे रखें जिससे जबरन प्रवेश रोका जा सके।
2️⃣ प्रशासनिक और कानूनी उपाय
✅ स्थानीय प्रशासन से समन्वय:
- पुलिस गश्त बढ़ाई जाए, खासकर रात के समय।
- मंदिर ट्रस्ट और स्थानीय प्रशासन साप्ताहिक बैठक करें।
✅ सुरक्षा समिति का गठन:
- मंदिरों में स्थानीय लोगों और पुलिस की एक सुरक्षा समिति बने।
- समिति संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग करे और पुलिस को अलर्ट रखे।
✅ चोरी रोकने के लिए कड़ा कानून:
- मंदिरों से मूर्तियों की चोरी पर सख्त सजा का प्रावधान हो।
- चोरी की घटनाओं की तेजी से जांच और ट्रैकिंग हो।
3️⃣ सामुदायिक और भक्तों की भागीदारी
✅ रात्रि पहरेदारी (Night Patrol):
- स्थानीय युवा और भक्तों की टीम रात में मंदिर परिसर की निगरानी करें।
- व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत साझा करें।
✅ दानपेटी और मूर्तियों की सुरक्षा:
- दानपेटी मजबूत तिजोरी में रखें और दिन में ही खाली करें।
- कीमती मूर्तियों को मंदिर में अलार्म-सक्षम कांच के केस में रखा जाए।
✅ भक्तों की जागरूकता:
- मंदिर में आने वाले भक्तों को संदिग्ध गतिविधियों पर सतर्क रहने के लिए कहा जाए।
- प्रवेश द्वार पर चेकिंग पॉइंट और मेटल डिटेक्टर लगाया जाए।