दरभंगा । नया साल नियोजित शिक्षकों के लिए दोहरी खुशी लेकर आया है। शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के साथ-साथ विशिष्ट शिक्षक की नई पहचान दी जाएगी। यह खुशी शिक्षकों को लगभग 10 सालों के लंबे संघर्ष के बाद मिली है।
विशेष लाभ और नई पहचान
- पहले से पदस्थापित स्कूलों में विशिष्ट शिक्षक के रूप में योगदान करेंगे।
- पहले चरण में सक्षमता परीक्षा पास करने वाले लगभग 10 हजार शिक्षक इस लाभ के दायरे में आएंगे।
- 1 जनवरी को योगदान करने वाले शिक्षकों को जुलाई 2025 में पहला इंक्रीमेंट मिलेगा, जिससे आर्थिक लाभ होगा।
महत्वपूर्ण निर्देश और प्रक्रिया
- एचएम पद पर कार्यरत शिक्षक:
- अपने ही आदेश से योगदान कर सकेंगे।
- मातृत्व अवकाश पर गई शिक्षिकाएं:
- रुग्ण अवकाश लेकर ज्वाइन करने के बाद पुनः अपना अवकाश जारी रख सकती हैं।
- वीसी के माध्यम से आदेश:
- मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी डीईओ को योगदान प्रक्रिया से संबंधित आदेश दिए गए।
प्रक्रिया पूरी कर अंतिम नियुक्ति पत्र वितरित
- डीईओ एनके सदा के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से पहले सक्षमता परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों को पूर्व से पदस्थापित स्कूलों में योगदान का आदेश दिया गया है।
- सभी बीआरसी स्तर पर अंतिम नियुक्ति पत्र बांट दिया गया है।
- योगदान से पहले सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं।
आर्थिक और पेशेवर लाभ
- शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने से उनकी सुविधाएं और वेतनमान में सुधार होगा।
- इंक्रीमेंट और नई पहचान से शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा।
- यह कदम शिक्षकों की प्रोफेशनल ग्रोथ और शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
शिक्षकों के लिए मील का पत्थर
यह निर्णय शिक्षकों के लंबे संघर्ष और मेहनत का परिणाम है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा, बल्कि उन्हें सम्मान और पहचान भी प्रदान करेगा। शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।