जाले, दरभंगा | प्रखंड क्षेत्र में लगातार जारी जल संकट और बरसात की बेरुख़ी के बीच किसानों ने हिम्मत नहीं हारी। रविवार की सुबह हल्की बूंदाबांदी और बादलों को देख, किसान निजी नलकूपों की मदद से धनरोपनी में जुट गए।
किसानों ने कहा – अब और इंतजार नहीं कर सकते
रतनपुर के किसान चंदर दास और राज कुमार सदा ने बताया कि
उन्होंने डेढ़ माह पहले धान का बिचड़ा लगाया था।
खेत में मूंग की फसल भी थी, जो बारिश न होने के कारण अच्छी हो गई।
14 जुलाई की बारिश से मूंग के पौधे गलने लगे, जिससे उन्हें मिट्टी में ही पछाड़ना पड़ा।
निजी नलकूप से हुई खेतों में पटवन
रविवार सुबह बादलों को देख किसानों ने निजी नलकूप चालू किया और खेतों में पानी दे धनरोपनी शुरू कर दी।
बिचड़ा पुराना हो जाने के कारण उसकी जड़ें मजबूत हो चुकी थीं, जिससे महिला मजदूरों को उखाड़ने में परेशानी हो रही थी।
किसान खुद बिचड़ा उखाड़कर महिलाओं को रोपनी के लिए देते गए, और धीरे-धीरे पूरी धनरोपनी पूरी कर ली गई।
नलकूप चलने से प्रभावित हुए आसपास के चापाकल
नलकूप चलने से इलाके के कई चापाकल प्रभावित हुए और उनमें पानी आना कम हो गया।
इसके बावजूद किसानों ने धनरोपनी का कार्य पूरा किया, क्योंकि धान रोपाई के लिए और देर करना संभव नहीं था।