दरभंगा, देशज टाइम्स। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मो. अली अशरफ फातमी के छोटे भाई स्व. (मरहूम) इलियास अशरफ के छोटे पुत्र मो. अबू अशरफ फातमी उर्फ जूही साहब का लंबी बीमारी के बाद बुधवार शाम कोलकाता के एक निजी हॉस्पिटल में देहांत हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे और इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया। जैसे ही ये खबर फैली दरभंगा सहित देश के हर क्षेत्रों से लोगों आना और पूछताछ करने का सिलसिला शुरू हो गया।
गुरुवार की शाम 5.30 बजे खाजासराय स्थित आवास पर पार्थिव शरीर पहुंचा। एक झलक देखने के लिए लोगों का तांता लग गया। जैसे जैसे लोगों को खबर हुई लोग पहुंचते रहे चारों ओर गम का माहौल देखने को मिला । लोगों के आंखों से आंसू लगातार निकल रहे थे।
लगातार लोगों की ओर से उनकी प्रशंसा की जा रही थी कि हमेशा लोगों से अच्छे संबंध और मीठा जुबान रखने वाले समय-समय पर लोगों का हाल-चाल पूछना, सामाजिक कार्य में बढ़-चढ़कर भाग लिया करते थे।
गुरुवार की शाम 7 बजे उनके उनके बांकीपुर स्थित पैतृक निवासस्थान के परिसर में जनाजे की नमाज में हजारों हिन्दू,मुस्लिम सभी धर्मो के लोगों ने पहुँचकर जनाजे की नमाज अदा किया। जिसके बाद स्थानीय कब्रिस्तान में मो अबू अशरफ फातमी उर्फ जूही साहब को सुपुर्द ए खाक किया गया। देर रात तक लोग आते रहे और मिट्टी देने की रश्न की अदायगी करते रहे।
अपने भाई के देहांत (इंतेकाल) लगातार मरहूम जूही साहब के बड़े भाई एवं सरपरस्त मो. अली अशरफ फातमी साहब की आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। और कह रहे थे, मैंने एक बहुत नेक दिल और अच्छा भाई खो दिया। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे एक बेटी सहित भरा परिवार छोड़ गए। वही पूर्व विधायक, डॉ फ़राज फातमी ने अपने छोटे चाचा जूही साहब के देहांत पर कह रहे थे अपना अभिभावक खो दिया जो हमेशा उनका केयर करने और हमेशा फिक्रमन्द रहने वाले रहे।
अल्लाह उन्हें मगफिरत दे और जन्नत में आला से आला मुकाम दे। पूर्व विधायक रामनिवास प्रसाद ने कहा जूही साहब ने अपने मीठे स्वभाव और मिलनसार गुणों के साथ हमेशा लोगों से घुलमिल कर रहने वाले व्यक्ति थे। कभी किसी को छोटा ना समझा सभी की इज्जत और कद्र किया करते थे 4 साल से बीमार चल रहे थे । उनका बेहतर से बेहतर इलाज मोहम्मद अली अशरफ फातमी साहब की निगरानी में चल रहा था बेटे और पत्नी ने भी खूब सेवा की लेकिन ईश्वर (अल्लाह) को जो मंजूर था वही हुआ और अल्लाह ने उन्हें अपने पास बुला लिया उन्हें जन्नत में बेहतर से बेहतर स्थान मिले और घर वालों को सब्र दे।
वहीं, स्थानीय मुखिया जीशान फारुकी ने भी कहा जूही साहब एक साधारण व्यक्ति की तरह हमेशा जीवन जिए हमेशा चेहरे पर मुस्कान और मीठी बोली के साथ लोगों का हाल-चाल पूछना बैठकर बातें करना और लोगों के हर सुख दुख में हिस्सा लेना उनका काम रहा है इस वजह से उनकी अपनी एक अलग पहचान समाज में बनी रही। उन्होंने कहा हम सबके साथ बहुत नेक दिल गार्जियन की तरह फर्ज निभाया। मौके पर डॉ. अब्दुस्सलाम खान (मुन्ना खान), अमानुल्लाह खान(अल्लन),मो शहाबुद्दीन (लड्डू कॉमरेड),अधिवक्ता मुमताज आलम, अधिवक्ता अम्बर इमाम हाशमी, अधिवक्ता अनवर इमाम,जावेद अनवर, डब्बू खान, जफर इमाम, प्रकाश कुमार ज्योति, गोपाल मंडल,डॉ रामप्रवेश पासवान, शाहनवाज अहमद कैफी, डॉ. इंतेखाब आलम, अधिवक्ता मो. गुलरेज, राशिद जमाल, दीदार हुसैन चंद,शशिचन्द्र पटेल, मो. लड्डू , एकमी, मो. शकील, आस मोहम्मद, पीर मोहम्मद, मो. मोजीबुल (अजीजुल), जक्क़ी खान, नासिर हुसैन, साहिब मुखिया, असरारुल हक लाडले, मो. मोतिउर रहमान, मो. कलाम सहित सैकड़ों लोगों ने अपने अपने दुख का इजहार किया और मरहूम के लिए जन्नत में आला से आला मुकाम हासिल हो साथ ही उनके परिवार के लोगों को सब्र दे दुआ किया।
You must be logged in to post a comment.