दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। मां श्यामा मंदिर परिसर स्थित तारा मंदिर का पश्चिम और तालाब के पूर्वी भाग का दीवार गिर जाने से मंदिर पर खतरा मंडराते देख मंदिर न्यास समिति ने इस पर संज्ञान लेते हुए तुरंत इसकी सुरक्षा का निर्णय किया।
इस संबंध में बुधवार से कार्य कराने की तैयारी थी। लेकिन मंगलवार की रात से भीषण बारिश के बाद स्थिति और गड़बड़ा गयी। इस संदर्भ की सूचना मिलते ही आपात स्थिति में जल संसाधन मंत्री संजय झा ने अपने स्तर से तुरंत बालू भरा सैंकड़ों बैग भेजा।
ऐतिहासिक तारा मंदिर की दीवाल की सुरक्षा के लिए उसे भरवाया गया। इस मौके पर उनके प्रतिनिधि संजू झा, न्यास सदस्य मधुबाला सिन्हा, मंदिर प्रबंधक चंद्रकांत झा सहित निकटवर्ती पार्षद मुकेश महासेठ, राजीव सिंह, नवीन सिन्हा भी मौजूद थे।
जानकारी के अनुसार, मां श्यामा मंदिर परिसर के तालाब के पूर्वी भाग का दीवाल दो दिन पूर्व अचानक टूट कर तालाब में समा गया। लगभग 50 फिट की दूरी में यह दीवाल ध्वस्त हुआ। इसकी चपेट में दो मोटर वोट आ गया। संजोग है कि घटना सुबह 5 बजे घटी, जब मोटर वोट बंद था।
बताया जाता है कि तारा मंदिर परिसर का पानी वर्षों से जमा हो रहा था, जो दीवाल और परिसर के बीच की मिट्टिनुमा गली को गिला कर रहा था। पिछले तीन दिनों की भीषण बारिश के बाद इसकी नमी और बढ़ी जिस कारण वर्षों पुराना दीवाल ध्वस्त हो गया।
बताया जाता है कि तत्कालीन महाराज रामेश्वर सिंह इस मंदिर में पूजन कर तालाब में जाते थे, जिस कारण यह गली थी।
इस संबंध में श्यामा मंदिर के प्रबंधक चंद्रकांत झा की सूचना पर मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष एस एम झा, उपाध्यक्ष कमलाकांत झा, सह सचिव श्रीपति त्रिपाठी, सदस्य मधुबाला सिन्हा सहित संरक्षक सह विधायक संजय सरावगी स्थल पर पहुंचे।
मंदिर न्यास के सचिव सह जिलाधिकारी को भी इस संदर्भ की सूचना दी गयी और तारा मंदिर एवं इसके दीवाल को बचाने के लिए तत्काल टूटे जगह पर मिट्टी की बोरियां डालने का निर्णय लिया गया। इस संबंध में तारा मंदिर की सुरक्षा के लिए प्रबंध सामिति ने आपात बैठक कर जिलाधिकारी ने इसे तुरंत करने को कहा।
लेकिन, जब मंगलवार की रात से भीषण बारिश हुई और मिट्टी, मजदूर मिलना असंभव लग रहा था तो आपात स्थिति में मंत्री संजय झा ने सूचना मिलने पर अपने स्तर से इस कार्य को संपन्न कराने में अहम योगदान दिया। प्रबंधक चंद्रकांत झा ने कहा कि अब फिलहाल तारा मंदिर की दीवार सुरक्षित है। पानी घटने पर टूटे हिस्से की मरम्मति का कार्य होगा।