हनुमाननगर प्रखंड प्रमुख चुनाव को लेकर हनुमाननगर प्रखंड में मतगणना के बाद से ही इस बार नया निजाम स्थापित करने की तैयारी चल रही है।
चेहेते हैं, उनके लिए जुगाड़ चाहिए
इसके लिए राजनैतिक दलों में अंदरखाने की खिचड़ी पकनी शुरू हो चुकी है। इस प्रखंड में अपने चहेते को प्रमुख का पद सौंपने के लिए कई दिग्गज राजनेता व मंत्री भी पिछले दरवाजे से एंट्री मार चुके हैं।
इनमें जिला के 3 मौजूदा विधायक,एक पूर्व विधायक व सांसद भी काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। पंचायत समिति सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रमुख पद के संभावित उम्मीदवार दिन रात अपनी जुगाड़ में लगे हुए हैं।
जातीय समीकरण प्रबल मुद्दा
पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार के प्रमुख चुनाव में जातीय समीकरण प्रबल मुद्दा बना हुआ है।इसका कारण यहां से बिरादरी के नाम पर ब्राह्मण से 5, यादव से 4,राजपूत से 2,अल्पसंख्यक से 2,पासवान से 2,धोबी से एक,तताम से एक,धानुक से एक व नाई से एक पंचायत समिति सदस्य का चुना जाना है।
प्रमुख का पद हासिल करने के लिए इस प्रखंड के 19 में से 10 पंसस का समर्थन हासिल करना जरुरी है।सूत्रों के मुताबिक इस पद के लिए निवर्तमान प्रमुख समेत 5 पंसस अपनी दावेदारी पेश करने के मूड में हैं।जिसमें से तीन पूर्व प्रमुख को हराने वाले पंसस के साथ साथ एक निवर्तमान जिला परिषद सदस्य के अनुज की पत्नी भी इस दौर में शामिल हैं।
प्रमुख चुनाव में ब्राह्मण जाति के प्रमुख…?
क्षेत्रीय क्षत्रपों की मानें तो इस प्रखंड में अब तक हुए प्रमुख चुनाव में ब्राह्मण जाति के प्रमुख नहीं बन सके हैं। इसबार यह पद इसी जाति से आने वाले किसी उम्मीदवार को मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं। यही नहीं इस मुहिम को सफल बनाने के लिए राजनेता ने भी पंचायत समिति सदस्यों को अपने पक्ष में समर्थन देने के लिए पूरी तरह जुट गए हैं।
इस बार के चुनाव में प्रखंड के 19 पंचायत समिति सदस्यों में से निवर्तमान प्रमुख व उप प्रमुख समेत सिर्फ 5 पंसस ही चुनाव जीते हैं। शेष 14 नए चेहरे को जनता ने अपना मैंडेट दिया है।
इस प्रखंड में अब तक पांच प्रमुख चुने गए। इसमें 4 पूर्व प्रमुख में से 3 ही इस बार चुनाव लड़े, तीनों को जनता ने सिरे से नकार दिया। एक पूर्व प्रमुख अपने पंचायत का सीट आरक्षित होने के चलते चुनाव नहीं लड़ सकी।