सतीश चंद्र झा, बेनीपुर। मिथिला के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी फलों का राजा आम इस वर्ष मंजर देख कर आम होने की संभावना बन रही है। लेकिन, इनके मंजरों की संमुचित रखरखाव जानकारी के अभाव में विफल हो रही है। इससे देर सबेर इसके फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की प्रबल आशंका बन रही है।
बेनीपुर प्रखंड क्षेत्र में अपुष्ट खबरों के अनुसार
लगभग 2300 हेक्टेयर में बागवानी किसानों की ओर से लगाया गया है। इससे प्रतिवर्ष आम सहित कटहल एवं लीची का फल लोगों को सहज उपलब्ध हो पाती है। वैसे भी ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों का मानना है कि अत्यधिक बारिश एवं बाढ़ आने वाले वर्ष में आम की फसल अच्छी होती है। इसका प्रभाव देखने को भी मिल रहा है।
हर बाग बगीचे मंजरों से लदे परे है ।जिसे देखकर ही किसानों का मन बाग-बाग हो रहा है। लेकिन यहां के किसान अन्य फसल की तरह आम की फसल को भी भगवान भरोसे छोड़ जाते हैं। जो फल मिला उसे नियति समझते हैं, जबकि लगातार बह रहे पुरवा हवा के कारण मधुआ रोग का प्रकोप स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही है।
लेकिन सरकारी स्तर से न तो बागवानी मिशन वाले और ना ही प्रखंड स्तरीय कृषि विभाग द्वारा इसके लिए किसानों को समुचित जागरूकता या सलाह दी जा रही है । फलत: आम की फसल में मधुआ रोग के कारण मंजर नष्ट होने की प्रबल संभावना बनी हुई है।
वैसे तो स्थानीय किसान खाद बीज एवं कीटनाशक विक्रेताओं से पूछ कर दवा का प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन उक्त दुकानदार अपना दवा बेचना मूल सिद्धांत रखते हैं और मनमाने तौर पर किसानों को सलाह दे रहे हैं। जो किसान उनकी बातों पर यकीन कर मूंग की फसल, आम के फल, सब्जी, कटहल, लीची एवं सभी फूलों पर एक ही दवा का एक ही मात्रा में प्रयोग कर रहे हैं जिसका प्रतिकूल असर पड़ना लाजिमी है।
लोगों में उम्मीद तो है कि इस बार आम खास नहीं रहेगा। इसकी बंपर उपज होगी। लेकिन स्थानीय किसान अभी से इस बात को लेकर चिंतित हैं कि तेज गर्मी का जो हाल है उसमें आम के मंजरों के झुलसने का डर सता रहा है। कारण, अभी मार्च में ही गर्मी इतनी तेज हो गई है कि फसल उत्पादन पर असर पड़ेगा। इसके लिए कई बार यहां पदस्थापित प्रखंड उद्यान पदाधिकारी की खोज की मगर उनका कहीं दर्शन नहीं हुआ। किसान यही पूछ रहे क्या सचमुच प्रखंड में कोई उद्यान पदाधिकारी है। अगर है तो कहां है, कौन है। इस संबंध में आगे पढ़िए तो मिलेगा जवाब
जिला उद्यान पदाधिकारी आभा कुमारी ने
देशज टाइम्स को बताया कि इसके लिए प्रखंड में प्रखंड उद्यान पदाधिकारी के रूप में प्रिंस राज पदस्थापित हैं। किसान उनसे संपर्क कर इसकी जानकारी लें। लेकिन, हकीकत यह है कि प्रिंस राज का चेहरा आज तक पंचायत क्या प्रखंड तक में भी देखने को नहीं मिल रहा है।
दूसरी ओर जाले के कृषि वैज्ञानिक कुमार दिव्यांशु ने मंजर एवं फल के रखरखाव के संबंध में कहा कि अभी वर्तमान समय में फल के दाने आ चुके हैं इस परिस्थिति में किसानों को इमिडाक्लोप्रिड 1 मिलीलीटर 2 लीटर पानी में एवं हेक्साकोनाजोल या डायनोंकैप 1 मिलीलीटर 1 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करना चाहिए जिससे फल के दाने गिरने में रोक लग जाएगी और दाने भी पुष्ट होंगे।