दरभंगा, देशज टाइम्स (Darbhanga Fire News) –दरभंगा में शुक्रवार यानि बीती रात करीब 1:30 बजे भयानक आग ने अपना उग्र रूप दिखाया। इससे 7 दुकानें और 2 घर हीं नहीं जलीं बल्कि पांच मिनट के तांडव ने पूरी जिंदगी की कमाई पलभर में छीन कर राख में मिला दी। सबकुछ जलकर राख हो गया –घटना मब्बी थाना क्षेत्र की है।@देशज टाइम्स, दरभंगा।
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दरभंगा में भीषण आग से सात दुकानें और दो घर जलकर राख, झोपड़ियों में सो रहे बच्चों को जान बचाकर निकाला गया
जानकारी के अनुसार, जिस दौरान आग लगी अधिकांश लोग घर में सोए हुए थे। नींद में पूरा मोहल्ला एकबारगी उठीं आग की लपटों की गर्मी से सहसा जगी तब तक दरभंगा में बड़ा हादसा हो चुका था लेकिन लोगों के जागने से बड़ा हादसा होने से टला।
दरभंगा की भीषण आग में बची जिंदगी, सिलेंडर नहीं फटा
देशज टाइम्स को मिली जानकारी के अनुसार, जब आग लगी उस दौरान वहां झोपड़ियों में मासूम बच्चे भी फंसे थे जिन्हें स्थानीय युवकों ने जान पर खेलकर बाहर निकाला। शुक्र है जब आग धधक रही थी उस दौरान कोई सिलेंडर नहीं फटा। अगर यह फटता तो इलाका उड़ जाता।
पांच मिनट में सबकुछ राख होते देखते रहे लोग
दरभंगा में रात को लगी आग ने 5 मिनट में ही सबकुछ राख कर अपनी तपिश बूझा ली। इस दौरान बगल में बाजार समिति होने के बाद भी पानी की व्यवस्था तत्काल नहीं हो सकी। इससे लोग नाराज हैं।
जिंदगी की सारी कमाई अग्निकांड के हाथों गिरवी जो…
मगर इस आग ने जिंदगी की सारी कमाई अग्निकांड के हाथों गिरवी रख दी जो कभी वापस नहीं लौटेगी। फिलहाल इलाके में कोहरा मचा है। इस दौरान भड़की आग से मरे मुर्गे, बिरयानी होटल समेत कई दुकानें स्वाह –होने की दास्तांन कह रहीं हैं। पढ़िए खबर विस्तार से@देशज टाइम्स, दरभंगा।
एनएच-27 किनारे बाजार समिति चौक पर देर रात लगी आग
जानकारी के अनुसार, एनएच-27 किनारे बाजार समिति चौक पर देर रात यह आग कैसे लगी यह अभी अज्ञात है। लेकिन, स्थानीय लोगों की सूझबूझ और फायर ब्रिगेड की मशक्कत के बाद पाया आग पर काबू पाया जा सका।
सात दुकानें और दो घर जलकर खाक
दरभंगा (Darbhanga Fire News), देशज टाइम्स की रिपोर्ट में – शुक्रवार देर रात एनएच-27 लूप लाइन के किनारे स्थित बाजार समिति चौक के पास यह भीषण आगलगी की घटना हुईं। इसमें सात दुकानें और दो घर जलकर खाक हो गए। हादसा रात करीब 1:30 बजे हुआ, जब अधिकांश लोग सो रहे थे। आग इतनी तेज थी कि पाँच मिनट में झोपड़ियों की दुकानें राख में बदल गईं।
तो भीषण विस्फोट हो सकता था
झोपड़ियों में सो रहे लोगों को स्थानीय लोगों ने जान जोखिम में डालकर बाहर निकाला। खासकर बच्चों को सुरक्षित निकालना चुनौतीपूर्ण था। यदि गैस सिलेंडर आग की चपेट में आ जाते, तो भीषण विस्फोट हो सकता था।
फायर ब्रिगेड पहुंची, मगर नसीब जलनें के बाद
घटना की सूचना पर फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक सभी दुकानें और झोपड़ी नष्ट हो चुकी थीं। आग से मुर्गा दुकान में दर्जनों मुर्गे जलकर मर गए थे।
समय पर पानी नहीं मिलने से भड़की आग
स्थानीय लोगों ने बताया कि समय पर पानी मिल जाता तो आग इतनी भयावह नहीं होती। आग के भड़कने की वजय स्थानीय लोगों के मुताबिक यह है कि उस दौरान अधिकांश लोग सोएक हुए थे।
उठीं लपटों में कोई कुछ नहीं कर सका
जब तक जागे अचानक उठीं लपटों में कोई कुछ नहीं कर सका। दुकानों में रखा सारा सामान, कपड़े, बर्तन, होटल का सामान – सब जल गया। अगर फायर ब्रिगेड नहीं पहुंचती तो बड़ा नुकसान हो जाता।