आरती शंकर, बिरौल, दरभंगा। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के सुप्रीमो मुकेश सहनी अपने पिता जीतन सहनी के हत्या मामले में गवाह के रूप में बिरौल व्यवहार न्यायालय के एडीजे शिव कुमार के समक्ष पेश हुए। मुदालह (क्रॉस एग्जामिनेशन) के दौरान अधिवक्ता रामचन्द्र यादव ने सवाल पूछे, जिनके जवाब में मुकेश सहनी ने कहा —
“मैंने किसी भी मुदालह (गवाह विरोधी बयान) का नाम पुलिस को नहीं बताया है और न ही मैंने घटना अपनी आंखों से देखी है।”
हत्या की पृष्ठभूमि
यह मामला 16 जुलाई 2024 का है, जब जीतन सहनी की चाकू गोदकर निर्मम हत्या कर दी गई थी।
हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी।
पुलिस जांच में इस मामले में पांच मुख्य आरोपी सामने आए — मो. काजिम, मो. सितारे, मो. छोटे लहेरी, मो. आजाद और मो. मंजूर।
सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा।
फिलहाल सभी आरोपी जेल में बंद हैं और मामले में स्पीडी ट्रायल चल रहा है।
हत्या के बाद घटनाक्रम
पुलिस अनुसंधान के अनुसार:
आरोपी मो. मंजूर झाड़-फूंक और ताबीज बनाने का काम करता था।
हत्या में इस्तेमाल चाकू का इस्तेमाल वह ताबीज बनाने के लिए कपड़े काटने में भी करता था।
हत्या के बाद, आरोपियों ने ट्रांसफार्मर के पास स्थित चापाकल पर कपड़े और चाकू पर लगे खून को धोया।
इसके बाद, मो. मंजूर की बंद दुकान में शटर के नीचे से चाकू अंदर डाल दिया गया।
आरोपी कपड़े अपने-अपने घर ले गए।
हत्या की सूचना मिलने के बाद, मंजूर ने दुकान से चाकू निकालकर अपने घर में छिपा दिया।
पुलिस ने घर से चाकू बरामद किया और मंजूर को गिरफ्तार कर लिया।
अदालत में कार्यवाही
बिरौल व्यवहार न्यायालय में यह मामला एडीजे शिव कुमार की अदालत में चल रहा है।
सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज है।
स्पीडी ट्रायल के तहत जल्द से जल्द फैसला लाने की प्रक्रिया जारी है।
गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय में सुनवाई हो रही है।
सियासी पहलू और जनचर्चा
मुकेश सहनी, जो बिहार की राजनीति में एक अहम चेहरा माने जाते हैं, अपने पिता की हत्या के मामले को लेकर पहले दिन से सक्रिय रहे हैं।
उन्होंने पहले भी पुलिस और प्रशासन से न्याय की मांग की थी।
इस केस में उनकी गवाही को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे अभियोजन पक्ष की दलीलें मजबूत हो सकती हैं।
इस घटना ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल खड़े किए थे।
पुलिस की कार्रवाई और सबूत
पुलिस ने इस मामले में कई अहम साक्ष्य जुटाए हैं:
हत्या में इस्तेमाल चाकू।
आरोपियों के खून से सने कपड़े।
गवाहों के बयान।
घटनास्थल से बरामद फॉरेंसिक साक्ष्य।
इन साक्ष्यों को अदालत में पेश किया गया है, और इनके आधार पर दोष सिद्ध करने की कोशिश की जा रही है।
आगे की सुनवाई
कोर्ट में अगली तारीख पर अन्य गवाहों की गवाही दर्ज की जाएगी।
मामले की तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए अदालत ने सभी पक्षों को समय पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में इस केस का निपटारा हो जाएगा।