

बारिश नहीं तो बर्बादी तय! दरभंगा के खेतों में पड़ी दरारें, फसलें झुलसीं, किसान बेहाल। आसमान से नहीं बरस रही राहत! खेत सूखे, बिचड़े झुलसे – किसान बोले ‘अब तो भगवान ही मालिक है’। एक दो दिन में नहीं हुई बारिश तो आएगा अकाल!@आंचल कुमारी,कमतौल-दरभंगा,देशज टाइम्स।
दरभंगा में खेतों की मिट्टी फटने लगी, धान
किसान खून के आंसू रो रहे हैं। कमतौल में संकट गहराया! खेतों में दरारें, सब्जियां मुरझाईं – किसान कर रहे आसमान की पूजा। नमी गायब, फसल बर्बाद! किसानों ने कहा – अब भी नहीं बरसी बारिश तो ‘सब कुछ खत्म’ बादल आते हैं, मगर बरसते नहीं! खेत सूखे, किसान टूटा उम्मीद से धान, मूंग, तिल… सब सूख रहे हैं! दरभंगा में दिखने लगे अकाल जैसे हालात@दरभंगा-कमतौल, देशज टाइम्स।
दरभंगा में खेतों की मिट्टी फटने लगी, धान के बिचड़े झुलस रहे – किसान बोले, एक दो दिन में बारिश नहीं हुई तो अकाल तय
दरभंगा/कमतौल, देशज टाइम्स —दरभंगा जिले के कमतौल और आसपास के इलाकों में सूखा जैसे हालात बनते जा रहे हैं। धान की खेती (Paddy Cultivation) करने वाले किसान अत्यधिक चिंता में हैं। हजारों रुपये खर्च कर खेतों में बीज डाले गए, कुछ अंकुरित भी हुए, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण वे अब झुलसने लगे हैं।
खेतों में दरारें, बादल आते हैं पर बरसते नहीं
पिछले 15 दिनों से बारिश नहीं हुई है, जिससे खेतों में दरारें साफ देखी जा रही हैं। सानों ने बताया कि आसमान में कभी-कभार बादल तो उमड़ते हैं, लेकिन वर्षा नहीं होती। नमी की कमी से खेत सूखते जा रहे हैं, जिससे धान के साथ-साथ मूंग, तिल, चारा, सब्जी जैसी फसलें भी सूख रही हैं।
किसानों की दुश्वारी: तालाब से सिंचाई या आसमान की टकटकी
जहां तालाब या जलस्रोत उपलब्ध हैं, वहां किसान पंपसेट से पानी खींचकर सिंचाई कर रहे हैं। लेकिन जिन किसानों के पास सिंचाई साधन नहीं हैं, वे आसमान की ओर निहारते नजर आ रहे हैं।
“आज बारिश नहीं हुई तो कल होगी – इसी आस में जी रहे हैं…”
— राघवेंद्र ठाकुर, किसान, अहियारी
अकाल जैसे हालात की आशंका
गिरबल महतो और कैलाश महतो जैसे बुजुर्ग किसानों का कहना है कि
“हम कई पीढ़ियों से धान की खेती कर रहे हैं, लेकिन अब बारिश के बिना फसलें बर्बाद हो रही हैं।“
अगर अगले 1-2 दिनों में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो सुखाड़ (Drought) जैसे हालात निश्चित हैं। किसान बोले – “हमें दोहरी मार झेलनी पड़ेगी – एक तरफ लागत का नुकसान और दूसरी तरफ भुखमरी का खतरा।”








