कुशेश्वरस्थान: प्रखंड के सुघराईन पंचायत में मंगलवार को उच्च विद्यालय के प्रांगण में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में पंचायतवासियों ने “रोड नहीं तो वोट नहीं” के नारे के साथ विगत दो महीने से चल रहे चरणबद्ध आंदोलन की समीक्षा की और आगे की रणनीति पर चर्चा की।
हस्ताक्षर अभियान और बाइक रैली का निर्णय
- हस्ताक्षर अभियान: पंचायत के सभी वार्ड सदस्यों के नेतृत्व में ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर कराए जाएंगे।
- बाइक रैली: प्रखंड मुख्यालय तक मांग के समर्थन में बाइक रैली निकाली जाएगी।
- हस्ताक्षर अभियान के अंतर्गत मुख्य चुनाव आयुक्त, मुख्यमंत्री, और संबंधित विभागीय अधिकारियों को हस्ताक्षरयुक्त आवेदन पत्र भेजा जाएगा।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने एसएच 56 के फकदोलिया से भाया पैई पोखर, जुरौना, लक्षमीनिया, सुघराईन होते हुए कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध भरैन मुशहरी तक बारहमासी ऊंची सड़क निर्माण की मांग की है।
- ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद से अब तक इस क्षेत्र को मुख्यालय से जोड़ने के लिए कोई सड़क नहीं बनाई गई है।
- पंचायतवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
चरणबद्ध आंदोलन और पंचायत की तैयारी
पंचायतवासियों ने गांव और चौक-चौराहों पर “सड़क नहीं तो वोट नहीं” के बैनर और पोस्टर लगा दिए हैं।
- बुजुर्गों की प्रतिक्रिया: कई बुजुर्गों का कहना है कि उनका जीवन खत्म होने को है, लेकिन वे आज भी मुख्यालय तक पहुंचने के लिए सड़क से वंचित हैं।
- युवाओं की भागीदारी: पंचायत में युवाओं ने नेतृत्व संभाल लिया है और आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पंचायतवासियों का संकल्प
ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह आंदोलन “आखिरी लड़ाई” है।
- उनका कहना है कि नेताओं के वादे अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
- यदि इस बार भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो पूरे पंचायत के लोग विधानसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार करेंगे।
बैठक में उपस्थित प्रमुख लोग
- माले नेता: जितेंद्र यादव।
- अन्य प्रमुख नेता: नवल किशोर सिंह, रामलोचन सिंह, हुकुमदेव राय, रामा शंकर राय, रिगा राय, अरुण राय।
- सक्रिय ग्रामीण: विवेक कुमार, रविंद्र किशोर सिंह, नरेश राय, ललित राय, मुन्ना कुमार, सुशील कुमार यादव।
- राजद महासचिव: राहुल कुमार।
- अन्य प्रतिनिधि: सुधीर सहनी, सीताराम राय।
ग्रामीणों की चेतावनी
ग्रामीणों ने कहा कि अब “कोरे वादे और घोषणाएं” नहीं चलेंगी। 2025 का विधानसभा चुनाव उनके लिए “निर्णायक” होगा।