

प्रभास रंजन, दरभंगा | आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और डीआरआई (DRI) की संयुक्त कार्रवाई में अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग का बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है। टीम ने पांच सिम बॉक्स, सैकड़ों सिम कार्ड और लाखों की नकदी के साथ तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
बहेड़ा में छापेमारी से खुला नेटवर्क का राज
सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपी रौशन झा (निवासी – बलहा, बहेड़ा थाना) और उसके सहयोगी बिट्टू झा (निवासी – हावीबौहार, बहेड़ा थाना) को पकड़ा गया। उनकी निशानदेही पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला के बॉबी कल्याण को भी गिरफ्तार किया गया।
जांच में 94 सिम कार्ड, जिओ कंपनी के तीन राउटर, तीन इनवर्टर और अन्य तकनीकी उपकरण बरामद किए गए।
चीन से मंगवाए गए थे सिम बॉक्स
साइबर डीएसपी विपिन कुमार ने बताया कि रौशन झा ने चीन से पानी के रास्ते पांच सिम बॉक्स मंगवाए थे। कस्टम जांच में खुलासा हुआ कि पार्सल दरभंगा जिले के पते पर भेजा गया था।
कस्टम विभाग ने जब मामला संदिग्ध पाया, तो आर्थिक अपराध इकाई को अलर्ट किया, जिसके बाद कार्रवाई शुरू हुई।
हरियाणा से लाया गया बॉबी कल्याण
बॉबी कल्याण लोगों के आधार कार्ड और आंख की पुतलियों का वीडियो लेकर एक पहचान पर कई सिम कार्ड निकालता था। इसके बदले वह लोगों को सेविंग रेज़र जैसे उपहार देकर भ्रमित करता था।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग दरभंगा, हरियाणा और महाराष्ट्र में फैला था।
पत्नी भी साइबर नेटवर्क में शामिल
मुख्य आरोपी रौशन झा की पत्नी निर्मला कुलपति (निवासी – मुंबई) सहित सात अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इनके फरार साथियों की तलाश में जुटी है।
कॉल ऑटोमेशन से चल रहा था साइबर फ्रॉड
डीएसपी ने बताया कि यह नेटवर्क 150 सिम को एक साथ बॉक्स में लगाकर ऑटोमेटिक कॉलिंग करता था।
लोगों को इन कॉल्स से ठगी के जाल में फंसाया जाता था, जबकि पूरा संचालन चीन से रिमोटली कंट्रोल होता था।
साइबर डीएसपी विपिन कुमार ने बताया —
“यह गैंग भारत में बैठकर विदेशी साइबर ऑपरेशन चला रहा था। अब तक 141 सिम, लाखों की नकदी और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए हैं। जांच जारी है।”
यह मामला दरभंगा में अब तक की सबसे बड़ी साइबर क्राइम कार्रवाई के रूप में सामने आया है।








