

कुशेश्वरस्थान पूर्वी, दरभंगा | चार दिवसीय सूर्योपासना के महापर्व छठ के दूसरे दिन रविवार को क्षेत्र की सभी व्रतियों ने विधि-विधान से खरना का अनुष्ठान पूरा किया।
इसके साथ ही व्रतियों के 36 घंटे के निर्जला उपवास की कठिन तपस्या की शुरुआत हो गई है।
पवित्र स्नान और पूजा-अर्चना के साथ खरना की तैयारी
रविवार को दिनभर व्रतियों ने निर्जल रहकर पवित्र नदियों और तालाबों में स्नान किया। इसके बाद निकटवर्ती मंदिरों एवं देवालयों में पूजा-अर्चना कर सूर्य देव और छठी मैया से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
शाम होते ही व्रतियों ने दूध और अरवा चावल से बने खीर, गेहूं के आटे की रोटी और कला (केला) को पूजा घर में छठी मैया को भोग के रूप में अर्पित किया। इसके बाद व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया और अपने परिवारजनों में वितरित किया।
दूध के बढ़े दाम, 70 से 80 रुपये प्रति लीटर तक पहुंची कीमत
खरना पर्व के अवसर पर दूध की मांग बढ़ने से बाजार में दामों में उछाल देखने को मिला।
गाय और भैंस का दूध 60 से 70 रुपये प्रति लीटर तक बिका।
सुधा सहित अन्य ब्रांडेड दूध 70 से 80 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया।
हालांकि, इस बार सुधा एवं अन्य ब्रांडेड दूध की पर्याप्त आपूर्ति रहने से बाजार में किल्लत की स्थिति नहीं बनी।
व्रतियों को समाजसेवी अर्जुन पोद्दार ने वितरित किया दूध और पूजा सामग्री
भरडीहा गांव के समाजसेवी रामचंद्र पोद्दार के पुत्र अर्जुन पोद्दार ने व्रतियों के लिए 125 लीटर दूध, साड़ी, और सूप का प्रसाद वितरित किया।
इस पहल से ग्रामीणों ने समाजसेवी की सराहना की और इसे लोक आस्था के पर्व में सामुदायिक सहयोग की मिसाल बताया।
छठ घाटों की साज-सज्जा में जुटे श्रद्धालु
26 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी में श्रद्धालु अब छठ घाटों को आकर्षक रूप से सजाने-संवारने में जुट गए हैं।
घाटों को रंग-बिरंगे बल्बों और चाइनीज झालरों से सजाया जा रहा है।
घाटों तक जाने वाले मार्गों की सफाई, धुलाई, चूना और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है।
गांव-गांव में लाउडस्पीकरों से बज रहे छठ गीतों ने पूरे क्षेत्र को भक्ति और उत्सव के माहौल में रंग दिया है।
भक्ति और उल्लास से सराबोर वातावरण
छठ व्रतियों की भक्ति भावना और ग्रामीणों के उत्साह से पूरा कुशेश्वरस्थान पूर्वी क्षेत्र भक्ति-भाव और लोक संस्कृति की सुगंध से महक उठा है।
हर गली-मोहल्ले में छठ गीतों की गूंज के साथ श्रद्धालु आगामी अर्घ्य के इंतजार में तैयारियां पूरी कर रहे हैं।








