हनुमाननगर, देशज टाइम्स। नरदरिया से बहपत्ती तक 2 किलोमीटर 880 मीटर तक बनने वाली सड़क की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली इस ग्रामीण सड़क में घटिया निर्माण कार्य से ग्रामीणों में उबाल है। नतीजा यह, ग्रामीणों ने कार्य को तत्काल रूकवा दिया है।
इस सड़क को बनकर वर्ष 2020 में ही पूरा होना था। लेकिन, विभागीय मिलीभगत ने इस सड़क निर्माण पर ग्रहण तो लगाया ही, घटिया निर्माण से लीपापोती करने की कोशिश भी हो रही है जिसे ग्रामीणों ने तत्काल रोकते हुए निर्माण करने वाले संवेदक पर कार्रवाई और बेहतर निर्माण कार्य कराने की मांग पर अड़े हैं।
जानकारी के अनुसार, जो प्राक्कलन है सड़क निर्माण कार्य का वह दरकिनार पड़ा है। सरकारी राशि की जमकर बंदरबांट और विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता से कुल एक करोड़ 76 लाख रुपए की लागत वाली इस सड़क की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है।
सड़क किनारे बोर्ड लगी है। इसके अनुसार 11 जनवरी 2020 तक इसको पूरा करना था। लेकिन, तीन साल बीत जाने के बाद भी सड़क का निर्माण कार्य अधर में है। ग्रामीणों की ओर से कई बार घटिया निर्माण पर रोक लगाने की आवाजें उठी। मगर दबा दिया गया।
मनमानी चरम पर है। इससे आजिज होकर ग्रामीणों ने बहपत्ती के सुभाष कुमार पासवान के नेतृत्व में शुक्रवार से घटिया पीचिंग कार्य को रोक दिया।
निर्माण कार्य में लगे मजदूरों का कहना था, पीचिंग से पहले जो मेटल डालना था, उसमें घटियापन है। मेटल की मिश्रण में नदी के बालू का उपयोग किया है। जब पीचिंग करना शुरु किया तो राबिश व बालू के बदले मेटल के ऊपर मिट्टी बिछा दिया गया। अब उसके ऊपर मात्र आधा इंच पीचिंग किया जा रहा है। जो जोरदार बारिश में ही बह जाएगा।
ग्रामीणों की सूचना पर सड़क निर्माण स्थल पर पहुंचे जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि बबलू सहनी, प्रखंड प्रमुख संतोष कुमार यादव आदि ने विभाग को लिखने की बात कही। उपस्थित जनप्रतिनिधियों की ओर से सड़क निर्माण कार्य के गुणवत्ता की जांच करने के आग्रह पर पहुंचे जेई राजीव कुमार व एसडीओ अमरजीत कुमार ने संवेदक को कड़ी फटकार लगाते हुए गुणवत्तापूर्ण निर्माण करने की बात कही।
कार्य तीन साल बाद करना बिना विभागीय मिलीभगत के संभव नहीं है। बिना विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता से संवेदक सड़क के अनुरक्षण काल जोकि 5 वर्ष होता है, जो इस सड़क में 2025 तक चलेगा। संवेदक निर्माण कार्य ही अनुरक्षण की अवधि तक करते रहते हैं ताकि फिर उन्हें सड़क का रखरखाव न करना पड़े।
इसका कोपभाजन यहां के राहगीरों व ग्रामीणों को ही बनना पड़ता है। जो भी हो यह तो विभागीय जांच का विषय है, जो कि कार्यकारी एजेंसी के रूप में कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल दरभंगा बोर्ड पर अंकित है। संवेदक के नाम के सामने अनवारुल हक ग्राम जमालपुर, दरभंगा लिखा हुआ है।