back to top
17 अप्रैल, 2024
spot_img

Darbhanga में रेल फाटक खुला था पहुंच गई ट्रेन, उधर से ऑटो, इधर से बाइक फिर जो हुआ सांसें अटक गईं…देखें Video

spot_img
spot_img
spot_img

प्रभास रंजन, दरभंगा, देशज टाइम्स। एक अजीबो-गरीब नजारा देखने को मिला जब सकरी-हरनगर रेलखंड के धेरुक फाटक पर ट्रेन फाटक खुले में दौड़ती रही। समय रहते लोको पायलट (Loco Pilot) की सूझबूझ ने एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया

चालक ने बंद किया फाटक, गार्ड ने फिर से खोला

जानकारी के अनुसार, मामला सोमवार सुबह का है जब दरभंगा के सकरी-हरनगर रेलखंड पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। बेनीपुर अनुमंडल अंतर्गत धेरुक फाटक पर ट्रेन गुजरते समय फाटक खुला हुआ था। स्थिति को भांपते हुए लोको पायलट ने तुरंत ट्रेन रोक दी और खुद इंजन से उतरकर फाटक बंद किया। इसके बाद ट्रेन को आगे बढ़ाया गया।

चालक ने बंद किया फाटक, गार्ड ने फिर से खोला

ट्रेन के फाटक पार कर जाने के बाद, चालक ने दोबारा ट्रेन रोकी। इस बार गार्ड नीचे उतरे और फाटक को खोल दिया, जिससे एसएच-88 (SH-88) पर खड़े दोनों ओर के वाहन आगे बढ़ सके। ट्रेन चालक की सावधानी और सूझबूझ की स्थानीय लोग खूब सराहना कर रहे हैं।

बताया गया कि:

  • धेरुक फाटक पर रात से सुबह तक गुमटी में कोई गेटमैन नहीं रहता।

  • इस दौरान रेलकर्मियों (चालक और गार्ड) को ही फाटक बंद और खोलने की जिम्मेदारी दी जाती है।

  • जब ट्रेन गुमटी के नजदीक पहुंचती है, तो ड्राइवर ट्रेन रोककर फाटक बंद करता है।

  • फाटक पार करने के बाद गार्ड उतरकर फाटक खोलते हैं।

यह भी पढ़ें:  Darbhanga Crime News: आंगन में खड़ी की, नींद खुली, मिली गायब...राहगीर को पीटा

सुबह 7 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद मानव रहित हो जाता है फाटक

जानकारी के अनुसार, अधिकांश फाटकों पर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक गेटमैन तैनात रहते हैं। लेकिन इस समय सीमा के बाहर सभी संपर्क फाटक मानव रहित (Unmanned Level Crossing) हो जाते हैं। इस वजह से कई बार ऐसी जोखिम भरी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं।

यह भी पढ़ें:  Darbhanga Crime News: दरभंगा में युवती का अपहरण, होली में क्या हुआ था?

लोको पायलट की सूझबूझ की लोग कर रहे हैं तारीफ

स्थानीय लोग लोको पायलट और गार्ड की सतर्कता की जमकर तारीफ कर रहे हैं। अगर समय पर फाटक बंद नहीं किया जाता, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।

रात में फाटक पर नहीं रहता गुमटीमैन

बताया जा रहा है कि इस फाटक पर रात से सुबह तक कोई गुमटीमैन (Gate Keeper) नहीं रहता। इस दौरान ट्रेनों के गुजरने पर ड्राइवर और गार्ड को ही फाटक खोलने और बंद करने की जिम्मेदारी दी गई है।

ट्रेन रुकती है, फिर फाटक बंद होता है

रात में जब ट्रेन फाटक के पास पहुंचती है, तो पहले ट्रेन को रोका जाता है। इसके बाद लोको पायलट फाटक बंद करता है। ट्रेन गुजरने के बाद गार्ड उतरकर फाटक को पुनः खोलता है, ताकि सड़क पर खड़े वाहन निकल सकें।

सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक गार्ड रहते हैं तैनात

हालांकि दो-चार फाटकों को छोड़कर अधिकांश स्थानों पर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक गुमटीमैन तैनात रहते हैं। लेकिन 7 बजे के बाद और 7 बजे सुबह से पहले ये सभी फाटक मानवरहित (Unmanned Railway Crossing) हो जाते हैं।

यह भी पढ़ें:  3 KM तक Darbhanga का यह रास्ता ' बंद ' जानिए कौन सा पुल टूटा ? घंटों जाम, – क्या है पूरा मामला?

दरभंगा से कुशेश्वरस्थान तक सड़क पर रहता है भारी ट्रैफिक

यह फाटक दरभंगा से कुशेश्वरस्थान जाने वाली मुख्य सड़क पर स्थित है। इस मार्ग पर भारी ट्रैफिक बना रहता है। ऐसे में खुला फाटक दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। सौभाग्य से लोको पायलट की सतर्कता से इस बार कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

इस घटना ने रेलवे प्रशासन की लापरवाही और गेटमैनों की कमी को उजागर कर दिया है। लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसे व्यस्त फाटकों पर चौबीसों घंटे गेटमैन तैनात किए जाएं ताकि भविष्य में कोई दुर्घटना न हो।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया deshajtech2020@gmail.com पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -
error: कॉपी नहीं, शेयर करें