
दरभंगा में सेविकाओं का गुस्सा – 9000 नहीं, चाहिए 12 हजार! सहायिकाओं ने भी उठाई आवाज। आंगनबाड़ी सेविकाओं का बड़ा बयान – 9000 में कैसे चलेगा घर? अब मांगा 12 हज़ार मानदेय। दैनिक मजदूरी से भी कम मिल रहा वेतन! आंगनबाड़ी सेविकाओं ने किया सरकार से बड़ा सवाल।@प्रभास रंजन, दरभंगा देशज टाइम्स।
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका
आंगनबाड़ी सहायिकाओं का दर्द – 4500 में कैसे चले जीवन? अब मांगा 6000 प्रतिमाह। बच्चों का पोषण करतीं, खुद भूख से लड़तीं! सेविकाओं-सहायिकाओं ने रखा मानदेय बढ़ाने की मांग। मानदेय बढ़ाओ या आंदोलन झेलो – आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं ने सरकार को दी चेतावनी@दरभंगा देशज टाइम्स।
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका ने मानदेय बढ़ाने की उठाई मांग, महिला आयोग को सौंपा ज्ञापन
दरभंगा देशज टाइम्स। राज्य में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण एवं जीवन स्तर सुधार में आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की अहम भूमिका है। इसके बावजूद उन्हें सम्मानजनक मानदेय नहीं मिल रहा है।
वर्तमान मानदेय अपर्याप्त
फिलहाल आंगनबाड़ी सेविकाओं को 9000 रुपये प्रतिमाह और सहायिकाओं को 4500 रुपये प्रतिमाह मिलता है। यह राशि दैनिक मजदूरी से भी कम बताई गई है।
न्यूनतम 12,000, 6,000 रुपए मानदेय की मांग
आंगनबाड़ी सेविकाओं ने कम से कम 12,000 रुपये प्रतिमाह और सहायिकाओं ने 6,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय की मांग की है। सेविकाओं और सहायिकाओं का कहना है कि वर्तमान आर्थिक स्थिति में कम वेतन से परिवार चलाना बेहद मुश्किल है।
महिला आयोग को सौंपा ज्ञापन
इस संबंध में बुधवार को जिला अतिथि गृह में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका संघ की जिला अध्यक्ष कुमारी श्वेता सुमन ने बिहार राज्य महिला आयोग, पटना को ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका और योगदान का सम्मान करते हुए उचित मानदेय सुनिश्चित करे।