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23 दिसम्बर, 2024
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Darbhanga के कुशेश्वरस्थान में नल-जल की टोटी हीरे-जवाहरात से बनी स्पेशल टोटी है

पंचायती राज पदाधिकारी आबिद अख्तर ने बताया, रिपोर्ट तैयार कर रहा हूं...

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प्रशांत कुमार, कुशेश्वरस्थान। यह कैसी हर घर नल का जल जहां मरम्मत के नाम पर ही राशि की बंदरबांट हो रही हो। मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना में 40 से 45 प्रतिशत तक कमीशन का खेल चल रहा है। इसमें टोटी के नाम भी व्यारे-न्यारे हो रहे। मामला ग्राम पंचायत केवटगामा का है। जहां, की शिकायत  लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर की गई है।

इस मामले में पंचायती राज पदाधिकारी आबिद अख्तर ने बताया कि यह मामला भी लोक शिकायत निवारण में है। जहां से जबाव मांगा गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट तैयार कर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को सौंपी जा रही है।

 

मामला, सिर्फ एक पंचायत का नहीं है। बल्कि, कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के नौ पंचायतों कुशेश्वरस्थान दक्षिणी, केवटगामा, इटहर, महिसौत, भिंडुआ, सुघराइन, उसड़ी, उजुआ सिमरटोका और तिलकेश्वर का यही हाल है। जहां राशि का दुरूपयोग हो रहा है।

फिलहाल हम इस सीरीज में आपको केवटगामा पंचायत में हो रही बंदरबांट से अवगत करा रहे हैं। इसके बाद जल्द ही किसी और पंचायत के बारे में बताएंगे।

केवटगामा पंचायत के प्रवीण कुमार यादव पूर्व पंचायत समिति सदस्य पति ने लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर शिकायत किया है, कि नल एवं पाइप के मरम्मत के नाम पर लाखों की हेराफेरी हुई है।

श्री यादव ने आरोप लगाया कि एजेंसी से मिलकर सरकार की लाखों राशि बंदरबांट कर ली गई है। पंचायत के वार्ड संख्या 8 में मुश्किल से 20 से 25 टोटी का मरम्मत किया गया। गलत तरीके से मापी पुस्त संधारण कर 246000 (दो लाख छियालीस हजार ) व्यय दिखाया है। है ना कमाल की बात, 25 टोटी का 246000 रुपये की मापी पुस्त।

कितनी खुश किस्मत है केवटगामा पंचायत के वार्ड संख्या 8 की जनता। लगता है लगाया गया टोटी लोहे या प्लास्टिक का नहीं बल्कि हीरे जवाहरात से बनाया गया स्पेशल टोटी है।

इतना ही नहीं, लाखों की लागत से लगी टोटी पांच दिनों में टूट भी गई। इसी तरह कई वार्डों में मरम्मत किया गया। इसके बाबजूद पानी की सप्लाई कई वार्डो में बंद है। आवेदक श्री यादव ने बताया कि इस मामले को लेकर पंचायती राज पदाधिकारी को लिखित और मौखिक में बताया गया इसके बाबजूद किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।

वहीं एमजे एंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर मणिकांत ने देशज टीम से फोन पर बात करते हुए बताया कि हमलोग क्या कर सकते हैं। 40 से 45 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है। जब इतना बड़ा रकम कमीशन में ही जाएगा तो पंचायत में कैसा काम होगा। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है। अब यह जांच का विषय है।

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स्थानीय लोग बताते हैं कि जब कभी पंचायत में हुई गड़बड़ी के बारे में प्रखंड या अंचल में शिकायत की जाती है तो वहां कुर्सी पर बैठे संबंधित पदाधिकारी कार्रवाई करने से इतना डरते क्यों हैं।

अगर वरीय पदाधिकारी एक नल जल में कार्रवाई नहीं कर सकते हैं तो और क्या ही उम्मीद की जा सकती है। ऐसे पदाधिकारी से की जनता के हित मे कोई काम करेंगे।

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इस मामले में पंचायती राज पदाधिकारी आबिद अख्तर ने बताया कि यह मामला भी लोक शिकायत निवारण में है। जहां से जबाव मांगा गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट तैयार कर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को सौंपी जा रही है।

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