Darbhanga—Madhubani | मधुबनी और दरभंगा जिलों के 12 प्रखंडों की लगभग 36 लाख आबादी को सिंचाई और जल प्रबंधन योजनाओं से बड़ा फायदा होगा। सरकार द्वारा पुरानी और मृत नदियों को पुनर्जीवित करने की योजना के तहत 167 किमी लंबी नदी को जीबछ नदी से जोड़ा जाएगा।
सिंचाई क्षेत्र और स्लूइस गेट का निर्माण
- 92 गांव और 10,000 हेक्टेयर भूमि लाभान्वित:
इन जिलों के 12 प्रखंडों में 10,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई की सुविधा दी जाएगी। - स्लूइस गेट का निर्माण:
पश्चिमी तटबंध पर 6 फाटकों वाला स्लूइस गेट बनाया जाएगा, जिससे 15,000 क्यूसेक पानी का प्रवाह संभव होगा।
लाभान्वित प्रखंडों की सूची
मधुबनी जिले के प्रखंड:
- खजौली
- राजनगर
- मधुबनी
- रहिका
दरभंगा जिले के प्रखंड:
- केवटी
- सदर
- बहादुरपुर
- बहेरी
- बेनीपुर
- बिरौल
- कुशेश्वरस्थान पूर्वी
- कुशेश्वरस्थान पश्चिमी
सरकारी उपस्थिति और कार्यक्रम का आयोजन
इस परियोजना की शुरुआत के मौके पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी, और कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ समेत कई नेता और अधिकारी मौजूद रहे।
- स्थानीय नेताओं की उपस्थिति:
- विधायक मीणा कामत
- जदयू नेता बासुदेव कुशवाहा
- महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष भारती मेहता
- प्रशासनिक अधिकारी:
- एसडीओ अश्वनी कुमार
- एसडीपीओ राजीव रंजन
योजना का उद्देश्य और प्रभाव
- नदियों को पुनर्जीवित करना:
मृत और पुरानी नदियों को जोड़ने से पानी के प्रवाह में सुधार होगा और सिंचाई में मदद मिलेगी। - बाढ़ और सुखाड़ का समाधान:
पानी के प्रबंधन से बाढ़ के खतरे को कम किया जा सकेगा और सुखाड़ प्रभावित क्षेत्रों को राहत मिलेगी। - कृषि क्षेत्र का विकास:
इस योजना से किसानों की आय में वृद्धि और कृषि उत्पादन में सुधार की उम्मीद है।
यह परियोजना मधुबनी और दरभंगा जिलों के किसानों के लिए जल और सिंचाई की समस्याओं का समाधान करते हुए, क्षेत्र के समग्र विकास को गति देगी।