Bihar Cold Wave: हाड़ कंपा देने वाली सर्दी जब कहर ढाती है, तो जिंदगी भी ठिठुर कर सिमट जाती है। ऐसे में कनकनी का साम्राज्य पूरे क्षेत्र में फैल चुका है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बीते कुछ दिनों से जाले क्षेत्र में ठंड लगातार बढ़ रही है। सुबह और शाम चलने वाली सर्द हवाओं ने ठिठुरन में काफी इजाफा किया है। इस कड़ाके की ठंड के कारण लोग अपने जरूरी कामों को छोड़कर घरों में दुबकने को मजबूर हैं।
कनकनी बढ़ने के साथ ही बाजारों और प्रमुख चौक-चौराहों पर सामान्य दिनों की तुलना में चहल-पहल कम हो गई है। खासकर सुबह के समय सड़कों पर आवाजाही बेहद कम देखी जा रही है। लोग ठंड से बचाव के लिए जगह-जगह अलाव का सहारा लेते नजर आ रहे हैं, जो इस समय की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Bihar Cold Wave: जाले में बढ़ती ठंड और जनजीवन पर असर
बढ़ती ठंड को देखते हुए लोग गर्म कपड़े, ऊनी वस्त्र और गर्म पेय पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट और ठंड में और बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
इस बीच, स्थानीय प्रशासन द्वारा ठंड से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी सवाल उठ रहे हैं। सीओ बत्सांक ने जानकारी दी है कि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से प्रखंड क्षेत्र की 20 पंचायतों के मुख्य चौराहों पर आम लोगों के लिए अलाव की व्यवस्था की जा रही है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
हालांकि, खबर भेजे जाने तक कहीं भी अलाव जलते हुए नहीं देखा गया, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है। कड़ाके की ठंड में अलाव की सुविधा न मिल पाना, प्रशासन की मुस्तैदी पर सवाल खड़े करता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
प्रशासन के दावों और जमीनी हकीकत में अंतर
जाले के आम नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को तुरंत इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने चाहिए ताकि शीतलहर के इस प्रकोप से गरीब और जरूरतमंद लोगों को राहत मिल सके। जब तक जमीनी स्तर पर अलाव की व्यवस्था नहीं होती, तब तक महज घोषणाएं बेमानी हैं। समाचार लिखे जाने तक कही आग नहीं जलती मिली।


