जाले, देशज टाइम्स ब्यूरो। प्रखंड क्षेत्र के मुरैठा गांव स्थित भगवान श्रीराम जानकी मंदिर का पुर्णोद्धार शिलान्यास देश के जाने-माने संत देवेंद्र ब्रह्मचारी ऊर्फ मौनीबाबा ने समारोह पूर्वक करते स्वतंत्रता संग्राम के समय की याद ताजा कर दी।
जानकारी के अनुसार, इस रामजानकी मठ मंदिर की प्रासंगिता स्वतंत्रता संग्राम के समय थी। आनंद मठ की तर्ज पर स्वतंत्रता आंदोलनकारियो के कार्यो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली अतिपौराणिक इस राम-जानकी की संपत्ति की लूटखसोट कर मंदिर को ध्वस्त करने के कगार पर पहुंचा दिया।
न्यास बोर्ड की ओर से अधिग्रहण के बाबजूह लोगों ने इस मंदिर के नाम सैकड़ों एकड़ भूमि को अतिक्रमण कर मंदिर में विराजे भगवान की पूजा-अर्चना में भी विध्न डाला। मंदिर को बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने अधिग्रहण व न्यास परिषद के गठन के बाद भी न्यास परिषद की उपेक्षा ने इसकी स्थिति दिनों-दिन जर्जर ही कर दी उसे जीवित रखने का कतई कोई प्रयास नहीं किया। राज्य न्यास बोर्ड ने कभी इस ओर झांकने की जरूरत भी नहीं समझी। मंदिर का वार्षिक ऑडिट कैसे होता होगा, यह जांच का विषय है।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर की तर्ज पर जाले में भव्य,गगनचुंबी राम-जानकी मंदिर निर्माण शुरु
देश की अनुपम धरोहर को लुप्त होते देख इस मंदिर के जीर्णोधार के लिए परम संत जाने माने देवेंद्र ब्रह्मचारी ऊर्फ मौनी बाबा ने इसके संरक्षण संबंर्द्धन का संकल्प लिया। मंदिर का शिलान्यास किया।
मौके पर सैकड़ों साधु-संत व ग्रामीण शामिल होकर इस मठ को फिर से भव्यरूप देने का संकल्प लिया। शिलान्यास में आए लोगों की सभा में मौनीबाबा ने कहा, अयोध्या में बन रहे राममंदिर की तरह इस मंदिर का भी निर्माण होगा। इसे भव्यरूप दिया जाएगा। मौनी बाबा ने कहा, इस मंदिर के एतिहासिक व पौराणिक अहिल्या उद्धार के बाद इसी जगह भगवान राम रात्रि विश्राम किए थे, जहां हिंदुओं का गुरुआश्रम बना। कहा, मुरैठा गांव महाभारत काल से जुड़ा इतिहासिक व पौराणिक स्थल है। कहा, महाभारत काल में इस धार्मिक क्षेत्र पर राक्षस राज व मुर का गढ़ साम्राज्य था। जिसे अज्ञातवास के समय युधिष्ठिर के नेतृत्व में पांच पांडवों ने राक्षस राज मूर का वधकर इस क्षेत्र को भयमुक्त किया।
यह भगवान श्रीराम जानकी मंदिर में विराजे भगवान श्रीराम दरवार मनोकामना मंदिर है। यहां मनवांछित फल मिलता है। मनोकामनाए पूर्ण होने पर लोगों ने काफी धन संपत्ति इस मंदिर को दान दिया था, जिससे मंदिर सैकड़ों एकड़ भूमि का स्वामी है । पश्चिमी तुर्क आक्रमणकारियो ने मंदिर के करोड़ों की संपत्ति की लूट कर चलते गए। मंदिर के अधीन कई उपमठ थे।
उन्होंने बताया, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यहां युवाओं को संरक्षण प्रशिक्षण व धन दिया जाता था। देश को स्वतंत्रता के बाद ,विधर्मियो ने इस मंदिर की जमीन व धन की लूट मचाई ।भू-माफिया व कुछ खास पार्टी के लोगों ने इस मंदिर की जमीनों को अवैध रूप से जबरन कब्जा कर लिया। उन्होंने अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राममंदिर की तरह इस मंदिर को भव्य रूप प्रदान करने की घोषणा करते हुए देश-विदेश की हस्तियां से दान लेकर गगनचुंबी मंदिर बनाने की बातें कही।अयोध्या में श्रीराम मंदिर की तर्ज पर जाले में भव्य,गगनचुंबी राम-जानकी मंदिर निर्माण शुरु