जाले में सातवें चरण के पंचायती चुनाव का शोर-गुल शनिवार की शाम चार बजे थम गया। चुनाव 15 नवंबर को होंगे। चुनाव भोंपू बंद होते ही लोगों को चैन की कुछ राहत मिली है।
वहीं, प्रत्याशियों के दिल की धड़कन तेज हो गई। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए घर-घर जाकर जनसम्पर्क अभियान चलाया।
इस दौरान प्रत्याशियों ने सामाजिक स्तर पर किये गए अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए चुनाव जीतने के उपरांत किए जाने वाले विकासात्मक कार्यो के बारे में जानकारी दिया। प्रत्याशियों की ओर से मतदाताओं से तरह तरह के लुभावने वादे करते देखे गए।
इधर पंचायत सरकार के गठन को लेकर अधिकांश मतदाताओं में उत्साह का माहौल दिखा, वह भी बदलाव की आंधी के साथ। इस संदर्भ में कई युवा मतदाताओं ने दबे जुबान से बताया कि चाहे किसी प्रकार का चुनाव क्यों न हो, बदलाव ही विकास की प्रथम सीढ़ी है, जब तक बदलाव नही होगा, तब तक विकास कतई सम्भव नही है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी के सम्बंध में जाले बीडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी दीनबंधु दिवाकर ने बताया कि निष्पक्ष व भयमुक्त वातावरण में पंचायत चुनाव सम्पन्न कराने को राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाएगा एवं इसको लेकर पुलिस व प्रशासन की ओर से तैयारी पूरी कर ली गई है।
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