जाले। आत्मा के सौजन्य से कृषि विज्ञान केंद्र जाले में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार को संपन्न हो गया। प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ.दिव्यांशु शेखर ने प्रतिभागियों से अपनी खेती में मत्स्य पालन पशु पालन उद्यानिकी केंचुआ खाद एवं मशरूम उत्पादन का यथासंभव समायोजन करने का अनुरोध किया, जिससे उन्हें वर्ष भर नियमित अंतराल पर आय प्राप्ति हो सके।
उन्होंने बताया कि समेकित कृषि प्रणाली कृषि प्रबंधन ऐसी विधा है जिसमें फसल उत्पादन के साथ-साथ खेती के अन्य अवयवों का इस प्रकार समायोजन किया जाता है जिससे कि किसान को वर्ष भर आय की प्राप्ति होती है, तथा उपलब्ध सीमित संसाधन के समायोजन से एक फसल के अवशेष को कृषि के दूसरे विधा में उपयोग कर उत्पादन लागत को कम करते हुए अधिक उत्पादकता प्राप्त की जाती है।
डॉ. शेखर ने कुशेश्वरस्थान के किसानों को विशेष तौर पर जलकुंभी के प्रयोग से केंचुआ खाद बनाने का अनुरोध किया जिससे कि किसानों को उसे खेतो में जलाना ना पड़े, जलकुम्भी से उन्हें गुणवत्ता युक्त खाद एवं अतिरिक्त आय की प्राप्ति हो सके।
प्रशिक्षण का संचालन कर रहे पौधा रोग वैज्ञानिक डॉ.आरपी प्रसाद ने बताया कि आत्मा दरभंगा संपोषित इस प्रशिक्षण में कुशेश्वरस्थान एवं जाले के 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण में उन्हें विभिन्न फसलों की उन्नत तकनीकों के साथ-साथ पशुपालन मत्स्य पालन मधुमक्खी पालन मशरूम उत्पादन केंचुआ खाद उत्पादन आदि की जानकारी दी गई, जिससे किसान अतिरिक्त आय की प्राप्ति कर सकें।
केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ. ए पी राकेश ने किसानों को 65% जलकुंभी एवं 35% गोबर से केंचुआ खाद उत्पादन की तकनीक की विस्तृत जानकारी दी, डॉ. राकेश ने बताया कि इस विधि से जलकुंभी की ओर से केंचुआ खाद बनाने पर खाद में फास्फोरस की अन्य केचुआ खाद की तुलना में अधिक मात्रा पाई जाती है, प्रशिक्षण उपरांत कुशेश्वरस्थान के प्रशिक्षणार्थी कृषक समूह को केंचुआ भी उपलब्ध कराया गया जिससे कि वह प्रशिक्षण में दिए गए ज्ञान को तत्काल धरातल पर उतार सकें।
इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को उद्यान वैज्ञानिक अंबा कुमारी ने उद्यानिकी के विभिन्न तकनीकों की जानकारी दी, टीवीओ दिलीप कुमार ने पशुपालन की जानकारी दी प्रशिक्षण कार्यक्रम में जाले आत्मा बीटीएम डॉ प्रदीप कुमार एवं कुशेश्वरस्थान एटीएम पप्पू कुमार पासवान समेत कृषि विज्ञान केंद्र के सभी कर्मी मौजूद थे।