जाले, देशज टाइम्स। नगर परिषद क्षेत्र के हीरानगर एवं धानुक नगर में चेचक यानि खसरे का भीषण प्रकोप हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बीते एक माह से खसरे का इस मुहल्ला में अत्यधिक प्रकोप है।
लेकिन अबतक स्वाथ्य विभाग के चिकित्सक या स्वाथ्य कर्मियों के दर्शन नहीं हुए हैं। मगर, देशज टाइम्स जिसे है हर घर की फिकर, तत्काल स्वास्थ्य प्रशासन से संपर्क साधा और उन्हें जानकारी दी। इसके बाद पूरा स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में आ गया है। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार, जाले के हीरानगर एवं धानुक नगर में प्रायः सभी घरों में खसरे से पीड़ित हैं। पीड़ित व्यक्ति के शरीर में बड़े-बड़े फफोले निकल आए हैं। वहीं, तेज खांसी बुखार से भीषण दर्द से पीड़ित लोग कराहते नजर आ रहे हैं।
इनके शरीर का सभी अंग में बड़े-बड़े फफोले दिखाई देते हैं। पीड़ित परिवार के मुखिया श्याम नंदन मिश्र ने देशज टाइम्स बताया कि इनके परिवार में इनकी पुत्री 32 वर्षीय लक्ष्मी देवी, 26 वर्षीय सरस्वती कुमारी एवं 21 वर्षीय दुर्गा कुमारी खसरे से पीड़ित हो बिछावन पर पड़ी हैं।
वही पत्नी भी मंगलवार की रात से खसरे से पीड़ित हो गई हैं। इनके यहां रह रहे नाती आठ वर्षीय हर्ष कुमार जो खसरे से पीड़ित था, वह उबरा कि परिवार के सभी लोग इस रोग से पीड़ित हो गए हैं।
इसी मोहल्ला के गणेश साह का पूरा परिवार, गोड़का यादव का पूरा परिवार, रामसागर यादव के परिवार सहित इनके सामूहिक आंगन के सभी अट्ठारह व्यक्तियों के परिवार में खसरे का प्रकोप देखा जा रहा है।
रामचलित्त यादव के पोता पोती सहित पुत्रवधू भी खसरे से पीड़ित हैं। इस मुहल्ले के अधि कांश लोग इस विज्ञानीक युग में भी खसरे को देवी मैया शीतला माता का प्रकोप मानकर दिन-रात भगवती गीत गाते एवम पीड़ित बीमारों को नीम के पत्ता से चवर डुलाते हवा देते देखे जा रहे हैं।
वहीं नीम के पत्तों को हर घर के चौखट पर टंगा देखा जा रहा है। खसरे से निजात के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते देखे जा रहे हैं।
इधर, देशज टाइम्स को जानकारी मिलते ही देशज टाइम्स के स्थानीय ब्यूरो ने तत्काल प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विवेकानंद झा से बात की। देशज टाइम्स को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विवेकानंद झा बताया कि इस आशय की सूचना उन्हें अब तक नहीं प्राप्त हुई है। उन्होंने तुरंत प्रभाव से मेडिकल टीम भेजने की बात कहा है।
वही प्रखंड स्वाथ्य प्रबंधक कुमोद रंजन कुमार ने कहा कि खसरे रोग से पीड़ितों के घर-घर जाकर डॉक्टर एवम स्वास्थ्यकर्मियों को त्वरित चिकित्सा, दवा एवम जांच उपकरण के साथ मौके पर भेजी जा रही है।
इधर, यही हाल, सिंहवाड़ा के भी कई मोहल्लों में हैं। यहां बच्चे एक के बाद खसरे की चपेट में आ रहे हैं। मगर, व्यवस्था की नींद नहीं टूट रही। सिंहवाड़ा में भी अधिकांश मोहल्लों में खसरे का प्रकोप काफी बढ़ गया है। परिजन लाचार है। परिवार के बच्चे एक के बाद एक चपेट में आ रहे हैं।
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