
JDU MLA Aman Bhushan Hazari के घर से कुछ दूरी पर ही अस्पताल में ताला, गर्भवती महिला तड़पती रही – हंगामा मचा। कुशेश्वरस्थान अस्पताल में न डॉक्टर, न नर्स! गर्भवती महिला की चीखें गूंजती रहीं। रात 8 बजे अस्पताल बंद! विधायक पहुंचे तो दिखा खौफनाक नजारा – मरीज बेहाल। JDU MLA Aman Bhushan Hazari ने खोली स्वास्थ्य विभाग की पोल – निजी क्लिनिक वालों को हो रहा फायदा!
कुशेश्वरस्थान अस्पताल बना मौत का अड्डा!
गर्भवती महिला दर्द से कराहती रही, सर्पदंश मरीज भी बेहाल – अस्पताल में कोई नहीं था। विधायक बोले – प्रभारी डॉक्टर सिर्फ निजी क्लिनिक चलाते हैं, अस्पताल भगवान भरोसे। कुशेश्वरस्थान अस्पताल बना मौत का अड्डा! जनता बोली – हमें निजी क्लिनिकों की ओर धकेला जा रहा है@जब नीतीश के जदयू विधायक अमन भूषण हजारी ने ही खोल दी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल-पट्टी, देखें VIDEO चिल्लाती गर्भवती-कहारता सर्पदंश पीड़ित@कुशेश्वरस्थान, देशज टाइम्स।
कुशेश्वरस्थान: जदयू विधायक ने अस्पताल में पाई लापरवाही, गर्भवती महिला कराहती रही बिना इलाज
कुशेश्वरस्थान (दरभंगा), देशज टाइम्स। स्थानीय जदयू विधायक अमन भूषण हजारी रविवार देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुशेश्वरस्थान पहुँचे, जहां उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति और चिकित्सकीय लापरवाही का प्रत्यक्ष रूप से निरीक्षण किया। विधायक के अनुसार, अस्पताल उनके घर से महज कुछ दूरी पर है, लेकिन रात 8 बजे के बाद पूरा अस्पताल सूना पड़ा था।
गर्भवती महिला और सर्पदंश पीड़ित को नहीं मिला इलाज
अस्पताल में उस समय एक सर्पदंश पीड़ित मरीज और प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला उपचार के लिए पहुंची थी, लेकिन अस्पताल में न तो कोई चिकित्सक मौजूद था और न ही नर्स।
मरीज के परिजन और स्थानीय जनप्रतिनिधि रो-रोकर अपना दुखड़ा विधायक के सामने सुनाने लगे।
अस्पताल में भर्ती मरीज की परिजन हीरा देवी ने बताया, “मैं दिन से यहां भर्ती हूं, लेकिन न कोई नर्स देखने आती है और न समय पर दवा-पानी दिया जाता है। मेरी बहू प्रसव पीड़ा से तड़प रही है, पर उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।”
विधायक का आरोप – “प्रभारी चिकित्सक निजी क्लिनिक चला रहे”
विधायक अमन भूषण हजारी ने मौके पर आक्रोश जताते हुए कहा:
“यह अस्पताल लोगों की जान बचाने के लिए है, लेकिन यहां मरीज भगवान भरोसे छोड़ दिए गए हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मो. सोहराब कभी समय पर अस्पताल नहीं आते और निजी क्लिनिक चलाने में व्यस्त रहते हैं।”
विधायक ने कहा कि इस लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई के लिए वे स्वास्थ्य विभाग को लिखित शिकायत भेजेंगे।
स्थानीय प्रतिनिधियों का आक्रोश
अस्पताल में सेवाओं के अभाव को लेकर 20 सूत्री अध्यक्ष राजेश कुमार और नगर पंचायत वार्ड पार्षद गौतम प्रसाद सिंह ने भी कड़ा विरोध जताया।
उन्होंने कहा कि—
अस्पताल में पर्याप्त संसाधन और सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन डॉक्टर और नर्स की अनुपस्थिति से लोग निजी क्लिनिक और दवा दुकानों पर इलाज कराने को मजबूर हैं।
इसका सीधा लाभ निजी क्लिनिक संचालकों को मिलता है और गरीब मरीज आर्थिक शोषण का शिकार होते हैं।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का बचाव
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मो. सोहराब ने अपने बचाव में कहा कि— अस्पताल में 12 चिकित्सकों की स्वीकृति है, लेकिन फिलहाल मात्र 2 डॉक्टर पदस्थापित हैं। कई बार उन्होंने उच्च अधिकारियों को डॉक्टरों की कमी की जानकारी दी है। हाल ही में सिविल सर्जन कार्यालय से दो चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति हुई थी, लेकिन उनमें से एक ने ज्वाइन नहीं किया। सीमित स्टाफ के कारण अस्पताल को 24×7 संचालित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
जनता की मांग – तुरंत हो अतिरिक्त डॉक्टर और नर्स की तैनाती
अस्पताल की बदहाली देखकर स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि अस्पताल में तुरंत अतिरिक्त डॉक्टर और नर्स की नियुक्ति की जाए। निजी क्लिनिक की ओर मरीजों को धकेले जाने पर रोक लगे। विभागीय स्तर पर कठोर कार्रवाई की जाए ताकि स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य हो सकें।
कुशेश्वरस्थान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
कुशेश्वरस्थान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूरे इलाके के लिए मुख्य इलाज का सहारा है। लेकिन डॉक्टरों और नर्सों की कमी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की लापरवाही और निजी क्लिनिक के दबदबे ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है।
विधायक के हस्तक्षेप के बाद अब उम्मीद है कि इस मामले में विभागीय स्तर पर गंभीर कदम उठाए जाएंगे, ताकि जनता को उनका हक – बेहतर स्वास्थ्य सुविधा – मिल सके।