मुख्य प्वाइंटर: दिख रहा सुधार,’जीविका दीदी की रसोई’ के बाद@challenge
दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) ने ‘जीविका दीदी की रसोई’ की सफलता के बाद सफाई व्यवस्था भी जीविका दीदियों को सौंपी है। इससे अस्पताल परिसर की सफाई में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है।
मुख्य बिंदु: डॉ. ऋचा गार्गी ने क्या कहा, क्या है खास
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- सफाई व्यवस्था में आया बदलाव: जीविका दीदियों की निष्ठा और समर्पण से अस्पताल परिसर में सफाई के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।
- डॉ. ऋचा गार्गी ने समीक्षा बैठक में कहा: जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. ऋचा गार्गी ने पर्यवेक्षकों के साथ बैठक में सफाई कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सब हेड: सफाई व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव
जीविका दीदियों की मेहनत से डीएमसीएच की सफाई व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव
क्रॉसर: ईमानदारी बेहद जरूरी
- सफाई में सुधार: जीविका दीदियों ने सफाई कार्यों को संभालने के बाद अस्पताल परिसर में साफ-सफाई के स्तर में सुधार किया है।
- समीक्षा बैठक में क्या हुआ… जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. ऋचा गार्गी ने पर्यवेक्षकों के साथ बैठक में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। कार्यों को ईमानदारी से करने के निर्देश दिए।
Darbhanga News: जीविका दीदीं की सफाई ने बदलीं DMCH की सूरत दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) में पहले से संचालित ‘जीविका दीदी की रसोई’ की सफलता के बाद, अब साफ-सफाई की व्यवस्था भी जीविका दीदियों को दी गई है। जब से (Jeevika will now take care of the cleaning system of DMCH in Darbhanga) जीविका दीदियों ने इस जिम्मेदारी को संभाला है, सफाई व्यवस्था में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
जीविका दीदियां न केवल मुस्तैदी से सफाई का काम कर रही हैं, बल्कि अपनी निष्ठा और समर्पण से पूरे अस्पताल परिसर में सफाई के स्तर को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं। मंगलवार को जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) डॉ.ऋचा गार्गी ने सफाई व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सभी पर्यवेक्षकों के साथ एक समीक्षा बैठक की।
बैठक में डीपीएम ने पर्यवेक्षकों को अपने कार्यों को ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ करने के निर्देश दिए।डीएमसीएच जैसी बड़ी संस्थान में सफाई का काम चुनौतीपूर्ण: उन्होंने कहा कि डीएमसीएच जैसी बड़ी संस्थान में सफाई का काम चुनौतीपूर्ण है,लेकिन जीविका दीदियों ने जिस प्रकार पिछले सप्ताह से यह जिम्मेदारी उठाई है, उससे अस्पताल परिसर में साफ-सफाई के स्तर में पहले से ही बड़ा सुधार देखने को मिल रहा है। समीक्षा के दौरान पाया गया कि पर्यवेक्षकों ने डीपीएम के सामने अपने काम के दौरान आ रही समस्याओं को भी रखा।
डीपीएम ने इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे पर्यवेक्षकों को आवश्यक सामग्री और पहचान पत्र समय पर उपलब्ध कराएं, ताकि काम में किसी प्रकार की रुकावट न हो।
डॉ. गार्गी और वाईपी (यंग प्रोफेशनल) तृषा ने किया भवनों का निरीक्षण तो क्या पाया? डॉ. गार्गी और वाईपी (यंग प्रोफेशनल) तृषा ने डीएमसीएच परिसर में उन तीन भवनों का निरीक्षण किया, जहां फिलहाल जीविका दीदियां साफ-सफाई का काम कर रही हैं। निरीक्षण के दौरान, डीपीएम ने दीदियों के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। सफाई व्यवस्था में और सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।
आने वाले समय में और बेहतर परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं।
वाईपी तृषा ने निरीक्षण के दौरान जानकारी दी कि वर्तमान में डीएमसीएच के इन तीन प्रमुख भवनों मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य भवन, सर्जरी भवन और सुपर स्पेशलिटी भवन में जीविका दीदियां सफाई सेवाएं प्रदान कर रही हैं। उन्होंने बताया कि सफाई व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए 17 पर्यवेक्षकों और 150 जीविका दीदियों को तैनात किया गया है लेकिन जरूरत पड़ने पर इस संख्या को और बढ़ाया जा सकता है। अस्पताल प्रबंधन ने भी इस बदलाव की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि जीविका दीदियों के समर्पण से डीएमसीएच की सफाई व्यवस्था में और भी सुधार होगा।
संचार प्रबंधक राजा सागर ने कहा: संचार प्रबंधक राजा सागर ने कहा डीएमसीएच में ‘जीविका दीदी की रसोई’ की सफलता के बाद अब सफाई व्यवस्था भी जीविका समूहों को सौंपे जाने से यह मॉडल एक उदाहरण बनता जा रहा है, जो न केवल अस्पताल में बेहतर सेवाएं सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।