दरभंगा मंडल कारा और बाल संरक्षण इकाई का आज शनिवार को दरभंगा जिले के सभी वरिष्ठ प्रशासनिक और न्यायिक पदाधिकारियों ने निरीक्षण किया। मौके पर सुधार के दिए गए निर्देश (Inspection of Darbhanga Jail and Child Protection Unit, Directives Issued for Improvement)।
निरीक्षण टीम और उद्देश्य
(Inspection Team and Purpose)
30 नवंबर 2024 को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी, जिलाधिकारी राजीव रौशन, वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी, और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रंजन देव ने मंडल कारा, जिला बाल संरक्षण इकाई समेत अन्य संस्थानों का निरीक्षण किया।
- उद्देश्य: मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का आकलन और सुधार के लिए निर्देश देना।
मंडल कारा में सुविधाओं का जायजा
(Assessment of Facilities in Jail)
निरीक्षण के दौरान मंडल कारा में निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान दिया गया:
- सामान्य स्वच्छता और साफ-सफाई: शौचालयों और बैरकों की स्थिति का मूल्यांकन।
- पानी टंकी की आवश्यकता: पानी आपूर्ति की समस्या पर चर्चा।
- महिला बैरक: महिला बंदियों से मूलभूत सुविधाओं की जानकारी ली।
- पुरुष वार्ड: कैदियों से विधिक सेवा के बारे में फीडबैक लिया।
- जेल अस्पताल और रसोई: स्वच्छता और संचालन की स्थिति की समीक्षा।
- पुस्तकालय: कैदियों के मनोरंजन और शिक्षा के लिए पुस्तकालय की व्यवस्था को देखा।
बाल संरक्षण इकाई का निरीक्षण
(Inspection of Child Protection Unit)
- जेजेबी (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड): आवासित बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं का आकलन किया।
- स्वास्थ्य और सुरक्षा: बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
- बच्चों की समस्याएं: बच्चों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसका सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
सुधार के निर्देश
(Directives for Improvements)
निरीक्षण टीम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि:
- पेयजल आपूर्ति: पीने के पानी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें।
- शिक्षा और मनोरंजन: कैदियों और बच्चों के लिए शिक्षा और मनोरंजन की योजनाएं लागू करें।
- सुरक्षा: जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाया जाए।
- स्वास्थ्य सेवाएं: अस्पताल में दवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
निष्कर्ष
दरभंगा मंडल कारा और बाल संरक्षण इकाई का यह निरीक्षण बुनियादी सुविधाओं और मानवाधिकारों की स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकारियों की ओर से दिए गए निर्देशों से बंदियों और बच्चों की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।