Darbhanga News|Local| कहीं…बला न बन जाए कमला बलान| हालात, नेपाल की बारिश बिगाड़ रहे हैं। हर-हर कर रूक-रूक कर हो रही बारिश, नदियों को उकसा रही। उफनने को बाध्य करती दिख रहीं। जहां, कोशी नदी की जलस्तर में वृद्धि हो रही है।
बिरौल प्रखंड के दो पंचायत किरतपुर और झगरुआ को जोड़ने वाली मुख्य सड़क झगरुआ रनपरती के समीप लगभग बीस फीट मुख्य सड़क पर बाढ़ का पानी पहले ही बहाने लगा था। दोनों पंचायत के लोगों की सड़क (Kamala Balan should not become a bull in Darbhanga) संपर्क टूटने की कगार पर थी। वहीं, कुशेश्वरस्थान के कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है।
यह वही कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड है। जहां, कभी ईटहर गांव के निकट कमला बलान नदी में मगरमच्छ तैरता दिख रहा। वहीं, कमला बलान व कोसी में उफान से कुशेश्वरस्थान पूर्वी की 45000 आबादी चारों ओर से बाढ़ से कब घिर जाए, कहना समझना मुश्किल।
याद कीजिए। 21 Oct 2021 का वह दिन। जब, कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड से एक बड़ी खबर सामने आई थी। यहां से होकर गुजरने वाली कमला-बलान नदी में कोनिया घाट के निकट बड़ा नाव हादसा हो गया था। इस पर सवार पांच लोग लापता हो गए थे। पांच मोटरसाइकिल भी तेज बहाव में लोगों के साथ लापता की सूची में शामिल था।
फिलहाल नौबत यह है, नेपाल की तराई में हो रही बारिश से कमला बलान नदीी के जलस्तर में काफी इजाफा हो गया है। जो नदी भीषण गर्मी में सूख चुकी थी, लबालब हो चुकी हैं। अंतिम जानकारी तक नदी 51.22 सेंटीमीटर पर पहुंच चुकी है। यह लोगों की हकलानी का सबब है। कारण, इसकी उछाल खतरे के निशान के पार है। वैसे, सैलाब अभी दूर है। ऐसी नौबत दिख नहीं रही। लेकिन, नेपाल में हो रही बारिश से जलस्तर में लगातार हलचल है। यहां की नदियां जयनगर पर भी निर्भर है। वहीं जलस्तर घटेगा यहां भी राहत महसूस होगी।
वहीं, कुशेश्वरस्थान पूर्वी में कोसी नदी के जलस्तर में अचानक से बड़ी हलचल है। जलस्तर में उछाल है। कमला बलान नदी का पानी गर्भ से निकलकर फ्व्वारे मार रहा है। खेतों में घुस गया है। चौकिया, इटहर पोखर, लक्ष्मीनिया, बलथरवा गांव का संपर्क भंग हो चुका है। नाव ही यहां के लोगों का सहारा बचा है। उजुआ सिमरटोका के कुंजभवन गांव, जिमराहा उसरी का लगातार अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं। नाव की उपलब्धता प्रशासन ऑन डिमांड देने की बात कह रहा है।