कमतौल, देशज टाइम्स। क्षेत्र के प्रसिद्ध ऐतिहासिक, पौराणिक व धार्मिक स्थल अहिल्यास्थान में शनिवार को ग्रामवासियों की ओर से सुख, समृद्धि व शांति की कामना के साथ हर साल की तरह इस वर्ष भी परम्परागत वैदिक रीति रिवाज से कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए माता अहिल्या की पूजा-अर्चना की गई।
इस अवसर पर अहिल्या गहवर में बजरंगी के ध्वजारोहण के साथ ही अहिल्या माता को देसी घी के बने लड्डू व गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाया गया। इस दौरान होम-हवन के पवित्र धुएं व वैदिक मंत्रोच्चार से पूरा परिसर भक्तिमय रंग में डूबा नजर आया।
पूजा के उपरांत कुमारी कन्याओं, बटुक व ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराकर ब्राह्मणों से उपस्थित श्रद्धालुओं ने उनका आशीर्वचन भी प्राप्त किया। फिर संपूर्ण ग्रामवासियों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।
अहिल्या पूजन के यजमान बने ब्रह्मानंद ठाकुर व आयोजकों ने देशज टाइम्स को बताया कि यह पूजा पर्व मिथिला संस्कृति की धरोहर है। माता अहिल्या की पूजा-अर्चना से इस लोक ही नहीं, बल्कि परलोक में भी सुख शांति मिलती है। इस पूजा से क्षेत्र में सर्वत्र खुशहाली आती है।
यह पूजा प्रत्येक वर्ष सावन माह के नागपंचमी पूजा के बाद प्रथम शनिवार या मंगलवार को (श्रावणी पूर्णिमा से पूर्व) परम्परा के तहत आस्था व श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। इस पूजा के आयोजन में समस्त क्षेत्रवासियों का आस्थापूर्ण सहयोग मिलता है।
सहयोगियों में उमाशंकर ठाकुर, सुशील कुमार ठाकुर, सुजीत ठाकुर, बृजनंदन ठाकुर, अशोक ठाकुर, अनिल कुमार, अमरनाथ ठाकुर आदि ग्रामीणों की भूमिका महत्वपूर्ण रही।