दरभंगा, देशज टाइम्स। मिथिला विभूति पर्व समारोह के दूसरे दिन आयोजित भव्य मैथिली कवि सम्मेलन में देर रात तक श्रोता भाव सरिता में गोते लगाते रहे। दिल्ली से आई कवयित्री सोनी चौधरी ने ‘हृदय मे हमर जननी सीता…हम मैथिली छी’ और मिथिलाक्षर अभियान गीत का सस्वर पाठ किया। इस पर (Kavi Sammelan on the stage of Mithila Vibhuti Parv in Darbhanga) श्रोता खूब झूमे।
कवि श्याम बिहारी सरस ने ‘गामक सुन्न दलान रे मीता’ कविता का पाठ करते हुए वर्तमान समय में मिथिला के विभिन्न गांवों सूरत-ए-हाल को रेखांकित किया। रामसेवक ठाकुर ने ‘सीना बंदे मातरम’ पर कविता का स्वर पाठ किया। उदय चंद्र विनोद ने ‘मान्यवर हमरे सन ओकरो छै जिनगी बैलून…’ कविता का पाठ किया।
शेफालिका झा ने ‘हेरौ सेल्फी वला कनिया नहि आन बबुआ’ कविता पाठ करते श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। महेश डखरामी नेअपनी कविता ‘रसवान मातृभाषा ’ के माध्यम से मैथिली का गुणगान किया।
युवा कवि नवलश्री पंकज ने ‘किए सुशासन बनलौं, किए छी चौकीदार बनल..’ कविता का पाठ किया। फूलचंद्र झा ‘प्रवीण’ ने ‘पुरखा केर हम नाम जोगा कऽ रखने छी, आँचर तर में गाम जोगाकऽ रखने छी…’ कविता से दर्शकों के बीच अद्भुत रोमांच उत्पन्न किया। विराट मैथिली कवि सम्मेलन की अध्यक्षता नेपाल से आए वरिष्ठ कवि अयोध्या नाथ चौधरी ने किया और मंच संचालन वरिष्ठ कवि बैद्यनाथ विमल ने किया।
इससे पहले डॉ. महेंद्र नारायण राम और प्रवीण कुमार झा के संपादन में प्राकशित संस्थान की मुख पत्रिका अर्पण के स्मृति विशेषांक एवं काव्यार्पण के नवीन अंक का विमोचन अतिथियों ने किया। हरिश्चंद्र हरित एवं प्रवीण कुमार झा के संपादन में प्रकाशित काव्यार्पण के इस अंक में मंच से विगत वर्ष एवं इस वर्ष पढी गई कविताओं को संकलित किया गया है।
कवि सम्मेलन में मणिकांत झा,(दरभंगा), सिद्धार्थ सौरभ (समस्तीपुर), मिथिलेश मिसिदा (दरभंगा), पूनम झा मैथिली (जनकपुर नेपाल), सबिता झा सोनी(दिल्ली), पूनम झा “सुधा’ (दिल्ली), सोनी चौधरी (दिल्ली), शेफालिका झा (समस्तीपुर), प्रियंका कुमारी (पटना), श्लोक वंदना (दरभंगा), श्रेया भारद्वाज (दरभंगा) आदि की प्रस्तुतियों को भी खूब तालियां और वाहवाही मिली।