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5 फ़रवरी, 2024
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Darbhanga में एक साथ इस विभाग में 10 कर्मियों ने छोड़ी नौकरी, विभाग के कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, जानिए क्या है पूरा मामला

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पटना/दरभंगाबिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण अभियान को एक बड़ा झटका लगा है। 17 जनवरी को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तहत काम करने वाले 84 सर्वे कर्मियों ने अपनी सेवाएं समाप्त कर दीं। इनमें से 10 सर्वेक्षण अमीनों के इस्तीफे स्वीकार किए गए, जबकि 74 कर्मियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी किया गया। इस घटना से विभाग की कार्यप्रणाली और भूमि सर्वेक्षण कार्यों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।


दरभंगा: 10 सर्वेक्षण कर्मियों के इस्तीफे स्वीकृत

दरभंगा बंदोबस्त कार्यालय में कार्यरत 10 भूमि सर्वेक्षण अमीनों ने नौकरी छोड़ दी है। इन इस्तीफों को भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने स्वीकृति दी।

  • शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन लंबित: इन कर्मियों के शैक्षणिक दस्तावेजों का सत्यापन अभी भी बाकी है। यदि उनके प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बांका और समस्तीपुर: 74 कर्मियों को NOC जारी

बांका और समस्तीपुर बंदोबस्त कार्यालयों से 74 कर्मियों को NOC प्रदान की गई है।

  • बांका में 47 कर्मियों को NOC:
    बांका के कानूनगो और अमीन वर्ग के 47 कर्मी बिहार तकनीकी सेवा आयोग के माध्यम से कनीय अभियंता पद पर चयनित हुए हैं।
  • समस्तीपुर में 27 कर्मियों को NOC:
    समस्तीपुर में तैनात 27 विशेष सर्वेक्षण कर्मियों को भी NOC जारी की गई है।

क्यों छोड़ी कर्मियों ने नौकरी?

विशेष सर्वेक्षण कर्मियों और अमीनों के नौकरी छोड़ने के पीछे प्रमुख कारण हैं:

  1. कनीय अभियंता पद पर चयन: बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा कनीय अभियंता के पद पर चयनित होने के बाद, इन कर्मियों ने सर्वेक्षण कार्य छोड़ने का निर्णय लिया।
  2. संविदा पर आधारित रोजगार: भूमि सर्वेक्षण कर्मी संविदा आधारित थे, जिसमें स्थायी नौकरी और लाभों की कमी थी।
  3. कम वेतन और कार्यभार का दबाव: भूमि सर्वेक्षण के दौरान बढ़ते कार्यभार और सीमित वेतन ने भी कर्मियों को अन्य विकल्प तलाशने पर मजबूर किया।

भूमि सर्वेक्षण अभियान पर प्रभाव

84 कर्मियों के नौकरी छोड़ने से बिहार भूमि सर्वेक्षण अभियान की रफ्तार पर असर पड़ सकता है।

  • विभाग की चुनौती: कर्मियों की कमी के कारण सर्वेक्षण कार्यों में देरी हो सकती है।
  • पदों की रिक्तता: इस्तीफा और NOC के बाद खाली पदों को भरने की प्रक्रिया में भी समय लग सकता है।

विभाग का बयान

भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने कहा है कि:

“संविदा कर्मियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा रहा है। फर्जी प्रमाण पत्र पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।”

“कनीय अभियंता पद पर चयनित कर्मियों को NOC देना विभागीय प्रक्रिया का हिस्सा है।”


निष्कर्ष

बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण अभियान के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है। कर्मियों के इस्तीफे और स्थानांतरण से कार्यों की गति धीमी हो सकती है। विभाग को जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरने और सर्वेक्षण कार्यों को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए कारगर कदम उठाने की आवश्यकता है।

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