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25 अप्रैल, 2024
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आगे विधानसभा बीत गया लोकसभा, फिर भी दरभंगा में सब अधूरा ?

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दरभंगा | कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के केवटगामा पंचायत के भरडीहा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने गुरुवार को हस्ताक्षर युक्त आवेदन पत्र बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु को सौंपा। आवेदन में प्राथमिक विद्यालय भरडीहा के अधूरे भवन निर्माण और कमला बलान नदी की उपधारा पर उच्च स्तरीय आरसीसी पुल निर्माण की मांग की गई है।

अब आतंकियों की बची-कुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है… — PM MODI in Madhubani

 

ग्रामीणों की शिकायतें और मांगें

  1. विद्यालय भवन का अधूरा निर्माण:
    • लोकसभा चुनाव के दौरान वोट बहिष्कार की घोषणा के बाद डीएम के आश्वासन पर विद्यालय भवन का निर्माण शुरू हुआ।
    • लेकिन लिंटर तक बनाकर ठेकेदार निर्माण कार्य छोड़कर चले गए।
    • भवन के अभाव में बच्चे इधर-उधर दरवाजों पर पढ़ने को मजबूर हैं।
  2. आरसीसी पुल का सपना अधूरा:
    • ग्रामीण प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए अब भी बांस-बल्ले के पुल का सहारा लेते हैं।
    • लोकसभा चुनाव में पुल निर्माण का वादा किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

विद्यालय भवन और पढ़ाई की स्थिति

  • विद्यालय के एचएम विद्यानंद शर्मा ने बताया कि भवन के अभाव में बच्चों को पढ़ाई के लिए दरवाजे-दरवाजे भटकना पड़ता है।
  • मध्यान्ह भोजन के लिए ग्रामीण सहयोग करने में आनाकानी करते हैं।
  • बच्चे जमीन पर बैठकर भी पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
  • शौचालय की सुविधा न होने से बच्चों और शिक्षकों को काफी परेशानी होती है।

ग्रामीणों की चेतावनी

भरडीहा गांव के लगभग 2000 लोग आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का एलान कर चुके हैं।

  • हस्ताक्षर अभियान के तहत ग्रामीणों ने अपने समर्थन की घोषणा की है।
  • हस्ताक्षरकर्ताओं में अमोल यादव, डोमी साह, शंकर चौपाल, बालेश्वर यादव, राम पुकार शर्मा, लिलाधर यादव सहित अन्य ग्रामीण शामिल हैं।

पुल निर्माण और आंदोलन की तैयारी

ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण उनके लिए सपना बनकर रह गया है। प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए उन्हें कोशी नदी की उपधारा पर अस्थायी पुल का उपयोग करना पड़ता है, जो जोखिम भरा है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

  • बीडीओ अशोक कुमार जिज्ञासु ने कहा, “ग्रामीणों द्वारा आवेदन मिला है, जिसमें पुल और विद्यालय भवन की मांग की गई है। इसे जिला प्रशासन को भेजा जा रहा है।”
  • पूर्व में खबरें प्रकाशित हो चुकी हैं, लेकिन ठेकेदार द्वारा कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है।

निष्कर्ष

भरडीहा गांव के ग्रामीणों की मांगें प्रशासनिक अनदेखी और वादाखिलाफी का परिणाम हैं। अब ग्रामीण आंदोलन और चुनाव बहिष्कार के जरिए अपनी आवाज बुलंद करने की तैयारी में हैं। यह मामला प्रशासनिक ध्यान और त्वरित समाधान की मांग करता है।

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