दरभंगा। कुशेश्वरस्थान एवं कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में जल-जमाव (Kusheshwarsthan both blocks will get freedom from water logging) के कारण आम नागरिकों एवं विशेषकर किसानों को हो रही कठिनाईयों को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम (DM Dr. Thiagarajan SM) ने मंगलवार को कुशेश्वरस्थान प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, हरौली में जल संसाधन विभाग के जल निस्तारण विभाग के कार्यपालक अभियंता, परियोजना निदेशक (आत्मा), दरभंगा, कृषि विभाग के कृषि वैज्ञानिकों, कुशेश्वरस्थान एवं कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, किसान सलाहकार, कृषि पदाधिकारी आदि के साथ समीक्षा बैठक की।

कमला नदी से गाद हटाकर उड़ाही पर विमर्श
समीक्षा बैठक में जल-जमाव की स्थिति को दूर करने के लिए कमला नदी से गाद को हटाकर उड़ाही कराने एवं जलजमाव वाले क्षेत्रों में किसानों के लिए मखाना, बिना कांटा वाला सिंघाड़ा एवं कमल फूल की खेती करने की बिंदु पर गहन रूप से विचार-विमर्श किया गया।


इसके अतिरिक्त उक्त क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवस्थित जलकुंभी को हटाकर वर्मी कंपोस्ट बनाने आदि पर भी विचार विमर्श किया गया। सभी पदाधिकारियों को तत्संबंधी स्थल निरीक्षण करते हुए योजना तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया, ताकि उस क्षेत्र में किसानों को अधिक से अधिक फायदा मिल सके एवं रोजगार मुहैया कराया जा सके।

जिलाधिकारी डॉ.एसएम (DM Dr. Thiagarajan SM reached Kusheshwarsthan) की ओर से भ्रमण के दौरान कमला नदी के हरौली के पास निरीक्षण भी किया गया। इसके साथ ही कुशेश्वरस्थान से फूलतोड़ा घाट जाने वाली सड़क में कुशेश्वरस्थान के पास अवस्थित पुल से भी नदी का निरीक्षण किया गया।
इसके अतिरिक्त कुशेश्वरस्थान पूर्वी में पक्षी अभ्यारण का कुशेश्वरस्थान में वाच टावर से भी निरीक्षण किया। वहीं, पक्षी अभ्यारण के विकास के लिए सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ चर्चा की गयी।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया, वरीय उप समाहर्त्ता सत्यम सहाय एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।
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