प्रशांत कुमार, कुशेश्वरस्थान। कुशेश्वरस्थान दोनों प्रखंड के लगभग सौ एकड़ से अधिक खेतों में अचानक पानी घुस आया है। इससे गेंहू और मक्के की फसल बर्बाद हो रही (water suddenly entered the fields) है।
जानकारी के अनुसार, कुशेश्वरस्थान पूर्वी एवं पश्चिमी प्रखंड की सीमा के पास कचुरखी में कमला नदी की उपधारा के उपर बांध का निर्माण कर देने के बाद से कुशेश्वरस्थान के कई चौरो में कमला नदी का पानी भरने लगा। इससे सैकड़ों एकड़ भूमि में लगे मक्के और गेहूं के खेतों में पानी का कब्जा होने लगा है। फसलें बर्बाद होने लगी हैं।
इससे किसानों में काफी आक्रोश है। किसान अपने आंखों के सामने अपना फसल बर्बाद होते देख काफी मायूस है। किसान के इस दर्द को सुनने के लिए कोई भी आलाकमान तैयार नहीं हैं। किसानों की माने तो कचरुखी में कमला की निकासी में बने बांध में अगर भभरा लगा दिया जाए तो किसानों के खेतों से पानी निकल सकता है।
जल संसाधन मंत्री संजय झा लगातर कुशेश्वरस्थान का दौरा करते रहे। और लोगों को आश्वासन दिया था कि जल्द नहर का निर्माण कर इस जमे पानी की समस्याओं का निदान कर लिया जाएगा।
16 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने
कमला नदी के पानी के बहाव को लेकर नहर बनाने के कार्य का उद्घाटन किया। जिस दिन मुख्यमंत्री उद्घाटन करने पहुंचे थे उससे पहले दो दिनों से नहर उड़ाही का कार्य उच्च विद्यालय कुशेश्वरस्थान के उत्तर युद्ध स्तर से कार्य प्रारंभ किया गया।
लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जाते ही वहां कार्य कर रहे एजेंसी भी गधे की सिंह की तरह गायब हो गए। और, आज तक लौटकर कुशेश्वरस्थान नहीं आए। और, नहर के कार्य को अधूरा ही छोड़ दिया।
इसके कारण सैकड़ों एकड़ भूमि में पानी
जमा होने से फसल नष्ट होने लगा है। उपेंद्र पासवन बताते हैं कि अगर पचरुखी बांध को काटकर भरा डाल दिया जाए तो, किसानों के खेतों में जो पानी जमा हुआ है वह दो घंटे में बाहर निकल जायेगा और किसानों का फसल बर्बाद होने से बच सकता है।
कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहां आये नहर का उद्घाटन भी किए पर मुख्यमंत्री के जाते ही यहां कार्य कर रहे एजेंसी भी गायब हो गया। इसका नतीजा यह हुआ कि हमलोग के खेतों में पानी घुस गया और खेतों में लगा फसल बर्बाद हो रहा है।
कि चुनाव के समय नेता लोग कुशेश्वरस्थान को बाढ़ से मुक्त कराने का वादा किया। और चुनाव खत्म होते ही गिरगिट की तरह रंग बदल लिया। नेता से लेकर सरकारी हाकिम तक अब हमलोगो का दर्द नही समझ रहा।
कि हम गरीब आदमी है साहब पति और बाल बच्चा प्रदेश कमाने गया है। हम यहां महाजन से उधार लेकर दस कट्ठा में बेचारी पर खेती किए है। फसल बर्बाद हो गया है अब महाजन का उधार कहां से वापस करेगें।