Baba Kusheshwar Asthan: जहाँ आस्था का सागर हिलोरें मारने को तैयार था, वहीं प्रशासन ने उस अनुरोध पर ब्रेक लगा दिया है, जिसमें कलश स्थापना समेत अन्य धार्मिक कार्य की बात कही गई थी।कुशेश्वरस्थान के प्रसिद्ध शिव मंदिर में नव वर्ष के आगमन पर होने वाले भव्य आयोजन पर प्रशासनिक रोक लगने से श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत मिलेगी ।
Baba Kusheshwar Asthan में क्यों रद्द हुए कार्यक्रम?
दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान में स्थित बाबा कुशेश्वरनाथ मंदिर में पहली जनवरी को होने वाले विशेष पूजा-पाठ, कलश शोभायात्रा और गंगा महाआरती जैसे कार्यक्रमों को स्थानीय प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। यह निर्णय नव वर्ष के अवसर पर मंदिर में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की आशंका को देखते हुए लिया गया है। जानकारी के अनुसार, आयोजक ऋषि झा पंडा द्वारा इन कार्यक्रमों की तैयारी की जा रही थी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
प्रशासन को यह अंदेशा था कि नए साल के जश्न के माहौल में भारी भीड़ के कारण व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए, अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) शशांक राज ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर इन सभी आयोजनों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। यह कदम किसी भी अप्रिय घटना से बचने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
प्रशासन ने जारी किया सख्त निर्देश
एसडीओ शशांक राज ने अपने पत्र के माध्यम से डीएसपी, पूर्वी अंचलाधिकारी (सीओ) तथा कुशेश्वरस्थान के थानाध्यक्ष को स्पष्ट निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि ऋषि झा पंडा एवं भगवान झा पंडा द्वारा मंदिर परिसर में किए जा रहे सभी आयोजनों को तत्काल रोका जाए और इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। प्रशासन का यह मानना है कि बिना पूर्व अनुमति के इस तरह के बड़े आयोजन से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल पहली जनवरी को मंदिर में भक्तों का तांता लगता है और इस बार गंगा महाआरती को लेकर विशेष भीड़ की संभावना थी। हालांकि, प्रशासन के इस फैसले के बाद अब नए साल का जश्न आराम से मनाया जाएगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। मंदिर प्रबंधन समिति ने भी श्रद्धालुओं से शांतिपूर्वक दर्शन करने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।
सीओ गोपाल पासवान ने देशज टाइम्स को बताया
पांडा समाज के दो अलग अलग आवेदन रुद्राभिषेक, गंगा आरती के साथ कलश स्थापना के लिए स्वीकृति की मांग की गई थी l लेकिन नव वर्ष पर जुटने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए उन्हें परमिशन नहीं दिया गया है। वहीं सीओ गोपाल पासवान ने कहा है कि अगर वो लोग चाहेगे तो नए साल के बाद अन्य सामान्य दिन में अपना धार्मिक अनुष्ठान करे। लेकिन नव वर्ष के पहले दिन अत्यधिक भीड़ और सुरक्षा प्रबंध को देखते हुए सिर्फ वहां सामान्य पूजा अर्चना ही करना है।





