प्रशांत कुमार, देशज टाइम्स कुशेश्वरस्थान। बिहार में शराबबंदी है। सरकार शराबबंदी को सफल बताते नहीं थकती और सत्ता में बैठे नेताओं के रिश्तेदार ही शराब के तस्करी में संलिप्त पाये जा रहे (Kusheshwarsthan SHO Amit Kumar should not be transferred) हैं।
आये दिन यह भी देखने को मिलता रहा है कि जो भी सरकारी अधिकारी या कर्मी शराब पीने के बाद पकड़े जाते हैं तो उस पर एक्शन लेते हुए या तो उसे सस्पेंड कर दिया जाता है या फिर बर्खास्त। क्योंकि, सियासत…शराबबंदी और एक्शन का कॉकटेल क्या गुल खिलाएगा यह वक्त की ताबूत में बंद है।
अब देख के वाली बात यह है कि सरकार कुशेश्वरस्थान मामले में क्या कदम उठाती है। क्योंकि, इस बार किसी गरीब के घर नहीं बल्कि बिहार के सत्ता में बैठे सीनियर नेता पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी और कुशेश्वरस्थान के विधायक अमन भूषण हजारी के चचेरे भाई प्रकाश भूषण हजारी के घर के पास स्थित पानी प्लांट से विदेशी शराब की बड़ी खेप छापेमारी कर बरामद की है।
लोगों में चर्चा है कि इतने बड़े राजनेता के घर से पुलिस ने शराब बरामद की। इसमें सरकार के मुखिया नीतीश कुमार क्या कार्रवाई करते हैं। सत्ता में बैठे अपने सदस्यों के रिश्तेदार पर कार्रवाई करते हैं या इसका खामियाजा स्थानीय थानाध्यक्ष को भुगतना (Kusheshwarsthan SHO Amit Kumar should not be transferred) पड़ेगा।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद कहीं कुशेश्वरस्थान के एसएचओ का तबादला (Kusheshwarsthan SHO Amit Kumar should not be transferred) तो नहीं? यहां प्रश्नवाचक इसलिए है कि कुशेश्वरस्थान ही नहीं आस पास के लोगों में यही चर्चा है कि सत्ता में बैठे लोगों का क्या वो तो खुद सरकार और सरकार के लोग हैं। पर इतनी बड़ी कार्रवाई कहीं नागवार ना गुजर जाए सत्ता के रसूखदारों को और फिर इसके बाद कहीं कुशेश्वरस्थान एसएचओ का तबादला ना हो जाए।
अगर ऐसा होता है तो सरकार के शराबबंदी कानून में कहीं ना कहीं बहुत बड़ी खोंट के रूप में अभी से लोग देख रहे है। अब लोग सरकार के मुखिया पर नजर टिकाये बैठे हैं कि किस तरह की कार्रवाई करने का आदेश देती है सरकार जो ढ़ोल पीटकर बताते हैं कि बिहार में शराबबंदी सफल है।
राजीतिक जानकर बताते हैं कि भले लोगो के जेहन में ये बात आ रही है कि जेडीयू राजनेता घराने में शराब को लेकर इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद कहीं एसएचओ का तबादला ना हो जाये। लेकिन ऐसा नही हो सकता।
अगर ऐसा होता है तो सिस्टम के मुंह पर बहुत बड़ा तमाचा होगा। क्योंकि, सरकार जिस शराबबंदी को सफल बनाने के लिए हर तरह से प्रयास कर रही है। दरभंगा जिला पुलिस ने कुशेश्वरस्थान थाने के साथ मिलकर वही किया है। शराब माफिया आम लोग हो या सरकार का खास कार्रवाई तो एक ही तरह की होगी।
हालांकि इसमें अहम कड़ी यह है कि शराब की बरामदगी मुख्यमंत्री के पार्टी जदयू के विधायक अमन भूषण हजारी के चचेरे भाई प्रशांत हजारी के वाटर प्लांट से की गयी है। शुक्रवार सुबह कुशेश्वर स्थान के जदयू विधायक अमन भूषण हजारी के चचेरे भाई प्रशांत हजारी के वाटर प्लांट पर शराब का धंधा किये जाने की गुप्त सूचना पर छापेमारी की।
छापेमारी में पुलिस ने यहां से 20 कार्टन शराब जब्त किया । पुलिस ने बताया कि यह वाटर प्लांट जदयू विधायक के पैतृक आवास के बगल में है। गुप्त सूचना के आधार पर उक्त स्थान पर छापेमारी की गयी। इसके लिए जिला से टीम आई थी। दो टीमों ने मिलकर यह कार्रवाई की है। मौके से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, विधायक के भाई प्रशांत हजारी मौके पर नहीं मिले हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई कर रही है। ऐसे में, फिलहाल थानाध्यक्ष अमित कुमार पर कोई बड़ा एक्शन होता नहीं दिख रहा लेकिन चर्चा तो है…।
वैसे, थानाध्यक्ष अमित कुमार ने अपने कर्त्तव्य को बखूबी निभाया है, उनके हौंसले और कार्रवाई को देशज टाइम्स भूरि-भूरि प्रशंसा करता है। अगर उनका तबादला होता है तो यह कुशेश्वरस्थान का दुर्भाग्य होगा। दरभंगा पुलिस की छवि पर दाग तो लगेंगे ही