कुशेश्वरस्थान, देशज टाइम्स। दरभंगा के कुशेश्वरस्थान में बड़ा साइबर फ्रॉड का मामला सामने आ रहा है। यहां एक मिनट में निकाल लिए गए लाखों। हद यह, खाताधारी को पता नहीं चला। मोबाइल पर मैसेज आया एकबार में टन्न बजा। देखा तो पाया 7 लाख 20 हजार WithDrawls हो चुका है।
यह निकासी कैसे, किसने, कब, किस तरीके से किया, क्यों किया यह पूरी तरह जांच का विषय है जो हतप्रभ करने वाला है। मामला, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा धरमपुर से जुड़ा है। जहां खाताधारक थाना क्षेत्र के पैकाचराई निवासी जीवछ पंडित के पुत्र मणिकांत पंडित जो पेशे से नलजल योजना के रिपएरिंग का काम करते हैं, ने कई अधिकारियों को इस बावत पत्र से सूचित किया है।
इस मामले में, बैंक का कहना है कि, शिकायतकर्ता ने मामले को वापस से लिया है। जबकि शिकायतकर्ता पंडित का कहना है कि उन्होंने इस मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक सहित कई अन्य अधिकारियों को आवेदन देकर इसकी जांच कराने की मांग की है।
साथ ही उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की भी गुहार लगाई है। वहीं, इस मामले में बिरौल के एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। अगर, आवेदन मिलेगा तो कार्रवाई होगी। थानास्तर से जानकारी मांगी जा रही है। वहीं, थाना अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि ऐसा कोई मामला थाना पर नहीं आया है। कोई जानकारी इस मामले में नहीं है। अगर आवेदन आता है तो आगे की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, श्री पंडित के बैंक खाते से एक मिनट में लाखों रुपए की जमा और उसके निकासी का एक अनोखा मामला सामने आया है। वहीं श्री पंडित कहते हैं, निकासी और जमा की कोई जानकारी उन्हें नहीं है।
उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी उनके मोबाइल पर मिली है। मैसेज मिलते ही होश उड़ गए। उन्होंने बताया कि अब उन्हें जान का खतरा भी महसूस हो रहा है। इससे वह भागे-भागे फिर रहे हैं।
इस मामले को लेकर खाताधारक थाना क्षेत्र के पैकाचराई निवासी जीवछ पंडित के पुत्र मणिकांत पंडित ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक सहित कई अन्य अधिकारियों को आवेदन देकर इसकी जांच कराने की मांग की है। पढ़िए क्या है आवेदन में…
क्षेत्रीय प्रबंधक को दिए गए आवेदन पत्र के अनुसार एमजे इंटरप्राइजेज के नाम से खाता धारक श्री पंडित का 3731984377 नंबर का खाता सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा धरमपुर में है।
15 सितंबर 2023 को उनके उक्त खाते में 720000 (सात लाख बीस हजार) रुपए किसी पीएमईजीपी ऋण वाले रुपए डाले गए। इतना ही नहीं, एक मिनट के अंदर पूरा रुपए निकासी प्रपत्र (With drawls silip) से बगैर उनकी जानकारी के खाता में जमा किए गए 720000 रुपए की निकासी हो गई।
खाताधारक श्री पंडित को उनके मोबाइल के माध्यम से उक्त राशि का जमा और निकासी की जानकारी मिली। खाताधारक ने बताया कि एक टेंट हाउस वाले के नाम से पीएमईजीपी का लोन उक्त 720000 रुपए मेरे खाते में जमा किया गया है।
उन्होंने बताया कि मेरे एमजे इंटरप्राइजेज में न तो मैं टेंट कारोबारी हूं। ना ही कोई सामान मेरे पास रहता है। और न ही किसी टेंट का कोटेशन दिया हूं। फिर यह कहां से पीएमई जीपी ऋण लेने वाले व्यक्ति ने मेरे फर्जी हस्ताक्षर से कोटेशन बना कर बैंक में जमा किया। फिर ऋण की स्वीकृति ली। मेरे खाते में 720000 रुपए जमा कर एक मिनट के अंदर उसे निकासी भी कर लिया।
उन्होंने बताया कि इस मामले की शिकायत पत्र की प्रतिलिपि पीएमओ दिल्ली, सीएमओ बिहार, डीजीपी बिहार, डीएम दरभंगा, शाखा प्रबंधक सीबीआई शाखा धरमपुर को देकर न्याय की गुहार लगाई है।
उसने बैंक के नियम को बताते कहा कि बैंकिंग सेक्टर में खाताधारक को बिना बैंक में उपस्थित हुए निकासी प्रपत्र पर इतनी राशि का निकासी कैसे हो गया। उन्होंने सीसीटीवी से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है।
खाता धारक का कहना है कि मैं नलजल योजना का रिपयेरिंग का काम करता हूं तो मेरे खाते में टेंट का लोन कहां से आया। मेरा फर्जी वॉउचर लगाकर राशि की निकासी की गयी है। सबसे बड़ी बात यह है कि निकासी पत्र के माध्यम से एक साथ 7 लाख 20 हजार रुपए की निकासी कैसे कर ली गई है।
वहीं निकासी पत्र के माध्यम से एक बार मे 49 हजार ही निकासी कोई कर सकता है। अगर खाता धारक को आवश्कता है तो उस समय शाखा के नाम से एक आवेदन दिया जाता है और खाताधारक की मौजूदगी में इतनी बड़ी राशि दी जाती है, जो कि इसके ठीक उल्टा हुआ और खाताधारक को कुछ जानकारी भी नहीं और खाताधारक के बिना सहमति से एक साथ इतनी बड़ी राशि निकासी पत्र के माध्यम से निकाल ली जाती है।
इस संबंध में शाखा प्रबंधक गुड्डू रजक से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने राशि के बारे में नहीं बताकर कहा कि शिकायतकर्ता ने आवेदन 22 सितंबर को वापस ले लिया है, जबकि शिकायतकर्ता खाताधारक मणिकांत पंडित का कहना है कि मैं कोई शिकायत वापस नहीं लिया हूं। अभी भी पूरी तरह इंसाफ की मांग कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि मैं 22 सितंबर को खगड़िया में था। इसका लाइव लोकेश बैंक के विभाग को भी भेज दिया हूं। ऐसे मैं कैसे कुशेश्वरस्थान में जाकर आवेदन दे सकता हूं। मुझे पता नहीं है कि किस मद की राशि से खाता में पैसा आया और मुझे बिना जानकारी दिए ही मेरे खाते से राशि की निकासी कर ली गई है। इसकी जांच कर मुझे न्याय चाहिए।
इधर एलडीएम से जब जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि ये आरएम का काम है। जांच कर रहे हैं। वहीं,जबकि आरएम ऑफिस मोबाइल से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि अभी जांच चल रही है। इस मामले में अभी कुछ नहीं बता सकते हैं। अब आगे यह देखना है कि क्या सच में जांच होगी तो उतनी बड़ी राशि का खुलासा हो पाएगा।
वहीं, श्री पंडित ने बार-बार दोहराया है कि उनकी पंद्रह और बाइस तारीख वाली जो बातें कहीं गई है उसकी सीसीटीवी फुटेज चेक की जाए। अगर बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच की जाएगी तो साफ-साफ नजर आएगा कि क्या हुआ है। वैसे, पूरा मामला जांच का विषय है।