जाले, देशज टाइम्स। कृषि विज्ञान केंद्र जाले में सोमवार को विश्व मत्सयिकी दिवस के अवसर पर मछली पालक किसानों ने भाग लिया।
मत्स्य पालक किसानों को प्रशिक्षण देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के मत्स्य वैज्ञानिक डॉ. जगपाल ने मछली पालन में स्वरोजगार कैसे व किस विधि से किया जाय इस विषय पर बताया, साथ ही किसानों को मत्स्य पालन के चयन करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान कहा कि विश्व मात्स्यिकी दिवस दिवस सन 1997 से प्रतिवर्ष आज के तिथि 21 नवंबर को मनाया जाता है।
इस दिन को पर्याप्त मछली उत्पादन सुनिश्चित करने और स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र के निमार्ण के लिए जाना जाता है। इस दिवस को मनाने से मछली पालन और उससे जुड़ी समस्या के समाधान उभर कर सामने आतीं हैं। जिससे लंबे समय तक मछली उत्पादन भी सुनिश्चित होता है।
मछली उत्पादन से जुड़े मछुआ समुदाय की ओर से रैलियों, जन-सभाओं, सांस्कृतिक कार्यकमों, प्रदर्शनियों, संगीत कार्यक्रमों की ओर से वैश्विक स्तर पर इस काम के महत्व की चर्चा की गई। किसानों को वैज्ञानिक ढंग से मछली उत्पादन में बढ़ोत्तरी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की ।
आयोजित कार्यक्रम में केभीके के गृह विज्ञान वैज्ञानिक पूजा कुमारी, पौधा संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. गौतम कुणाल तथा कृषि अभियांत्रिकी वैज्ञानिक अंजली सुधाकर ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्राधीक्षक दिव्यांशु शेखर ने किया।
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