Prabhash Ranjan,दरभंगा। उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच (Darbhanga Medical College and Hospital) के न्यू सर्जिकल भवन में लगी लिफ्ट खराब होने से दो बच्चों सहित छह लोग लिफ्ट में फंस गए। उन्हें बाहर निकालने में अस्पताल प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
लिफ्ट में क्या हुआ?
सर्जिकल भवन में मरीज के परिजन दूसरे तल्ले पर जा रहे थे। इस दौरान लिफ्ट अचानक खराब हो गई और अंदर मौजूद लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया।
- मोबाइल नेटवर्क की समस्या: लिफ्ट में जाते ही मोबाइल का नेटवर्क गायब हो जाता है।
- अलार्म सिस्टम की कमी: लिफ्ट में आपातकालीन अलार्म सिस्टम भी नहीं है।
- संकेत से मिली मदद: फंसे हुए लोगों ने लिफ्ट के शीशे से बाहर खड़े अन्य लोगों को इशारा करके बुलाया।
गंभीर प्रशासनिक खामियां
- सिर्फ तीन लिफ्ट चालू: नए सर्जिकल भवन में 9 लिफ्ट लगे हैं, लेकिन केवल तीन ही चालू हैं।
- लिफ्टमैन की लापरवाही: लिफ्ट में खराबी के दौरान लिफ्टमैन मौके पर मौजूद नहीं था।
- अलार्म और सुरक्षा उपायों की कमी: लिफ्ट में आपातकालीन अलार्म सिस्टम और वैकल्पिक संचार की कोई व्यवस्था नहीं है।
घटना का विवरण
- कब हुआ: शनिवार को सर्जिकल भवन में यह घटना हुई।
- फंसे हुए लोग: छह लोगों में से दो बच्चे भी शामिल थे।
- उद्धार कैसे हुआ:
- बाहर मौजूद अन्य लोगों ने अस्पताल प्रशासन को सूचना दी।
- लिफ्टमैन ने मौके पर आकर लिफ्ट का गेट खोलकर फंसे लोगों को बाहर निकाला।
मरीज के परिजन की प्रतिक्रिया
विनोद राम, जो अपने दो बच्चों सहित लिफ्ट में फंसे थे, ने बताया:
“लिफ्ट का गेट खराब हो जाने से हम अंदर फंस गए थे। मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहा था। किसी तरह बाहर खड़े लोगों को इशारा करके बुलाया। लिफ्टमैन के आने के बाद गेट खोला गया और हमने राहत की सांस ली।”
नया सर्जिकल भवन और पुरानी समस्याएं
- उद्घाटन: न्यू सर्जिकल भवन का उद्घाटन दिसंबर 2023 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था।
- शुरुआत: जनवरी 2024 से यहां सर्जरी और ऑर्थो विभाग चालू किए गए।
- आधुनिकता में खामियां:
- भवन में लगे लिफ्टों में से अधिकांश अभी चालू नहीं हैं।
- सुरक्षा मानकों की कमी और नियमित रखरखाव की समस्या सामने आई है।
प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल
डीएमसीएच प्रशासन की ओर से लिफ्ट के रखरखाव और आपातकालीन उपायों की कमी ने बड़ी लापरवाही को उजागर किया है।
- नेटवर्क जैमर जैसी स्थिति: लिफ्ट में मोबाइल नेटवर्क न होना गंभीर समस्या है।
- रखरखाव का अभाव: लिफ्ट की खराबी आम हो रही है, जिससे मरीज और उनके परिजन असुविधा झेल रहे हैं।
आगे की कार्रवाई और सुझाव
- लिफ्ट की नियमित जांच: सभी लिफ्टों को चालू और सुरक्षित बनाने के लिए सर्विसिंग सुनिश्चित की जाए।
- आपातकालीन अलार्म सिस्टम: हर लिफ्ट में आपातकालीन अलार्म और इंटरकॉम लगाया जाए।
- लिफ्टमैन की उपलब्धता: हर समय लिफ्टमैन की मौजूदगी अनिवार्य हो।
- नेटवर्क की समस्या का समाधान: लिफ्ट में मोबाइल नेटवर्क की सुविधा के लिए तकनीकी उपाय किए जाएं।
निष्कर्ष:
यह घटना डीएमसीएच प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के बावजूद अगर ऐसी समस्याएं बनी रहती हैं, तो यह मरीजों और उनके परिजनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। प्रशासन को तुरंत कार्रवाई कर इन खामियों को दूर करना चाहिए।