Darbhanga News: कुशेश्वरस्थान का Mahadev Math : एक-एक तिनका जोड़कर, बना रहा हूं घरौंदा अपना जहां कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड का महादेव मठ गांव सन्नाटे में है। अग्नि पीड़ितों की व्यथा उसे सोने नहीं दे रही। मौसम बदल रहा। गर्मी और अभी आकाश में यूं घुमड़ते बादल। डर दोनों से है। चिलचिलाती धूप या उमस भी गर्मी। बरसेंगे बादल। अग्नि पीड़ित हूं साहेब। नसीब में धूप,गर्मी, बारिश ही हमसफर है।
Darbhanga News: मेरा गांव, यहां के लोग राख के मलबे में जी रहे हैं।
उम्मीद में जीता हूं। शायद दिनचर्या बदल जाए। जिंदगी एक छांव में बदल जाए। उजड़े, जले, अधजले घरों को कोई बांस मिल जाए। सहारा दे दे। जिंदगी को कोई आए थाह ले। घर नहीं है साहेब। मेरा गांव, यहां के लोग राख के मलबे में जी रहे हैं। जले राख हटाए जा रहे। मलवे की सफाई हो रही। अंचल प्रशासन आगे आया है। कुछ राहत के क्षण हैं।
Darbhanga News: बांस-बल्ले से सहारा देकर छांव बनाऊंगा। शायद, इससे धूप ना लगे। बारिश में तन ना भिंगें।
प्रशासन से पॉलीथिन मिले हैं। इन शीट को बांस-बल्ले से सहारा देकर छांव बनाऊंगा। शायद, इससे धूप ना लगे। बारिश में तन ना भिंगें। मगर, जुगाड़ की जिंदगी कहां तक समय को थाह पाएगी। मेरे पास पैसे भी जो कुछ बैंकों में बचे। उसे एक सार्थक इंतजाम देने की जरूर है। न बचे खाते, ना एटीएम कार्ड है। पैसे, बैंकों से निकलेगा कैसे?
Darbhanga News: पंगत लगते हैं साहेब। भूख जब लगती है,
अंचल प्रशासन ने बहुत कुछ किया है। कर ही रहे हैं साहेब लोग। राहत में बचाव की सभी गुंजाइश तलाशी जा रही है। लेकिन, जख्म है। भरेगा कब, कबतलक।सुबह-शाम सामुदायिक किचन चल रहा है। पंगत लगते हैं साहेब। भूख जब लगती है, पीड़ित परिवार के सामने भोजन के सारे इंतजाम हो रहे हैं। अपने सीओ गोपाल पासवान हैं ना। बड़ी व्यवस्था की है। हमारे जितने भी परिवार के लोग थे। सब इस दु:ख की घड़ी में गांव लौट आए हैं। इनसबके लिए सीओ साहेब सामुदायिक किचन में खाना खिलवा रहे हैं। यही वजह है, इस किचन का आकार और विस्तार बड़ा हो गया है। हर दिन करीब दो हजार लोग भोजन कर रहे हैं।
Darbhanga News: सीओ गोपाल पासवान बताते हैं, तत्काल यहां एक
सीओ गोपाल पासवान बताते हैं, तत्काल यहां एक सीएसपी संचालक की प्रतिनियुक्ति की आवश्यकता है। क्योंकि, अग्नि पीड़ितों के चेक का रुपया आसानी से निकल सके। गांव में बिजली की वायरिंग का काम पूरा हो गया है। मीटर उपलब्ध होते ही सभी परिवारों के घर में बिजली कनेक्शन से जोड़ दिया जाएगा। फिलहाल गांव में जगह जगह बिजली के पोल में बल्ब लगा दिए गए हैं। पांच दिन बाद गांव को रोशनी मिली है। वहीं, संस्थाओं की भागेदारी मिल रही है।