back to top
17 मार्च, 2024
spot_img

LNMU — KSDSU में बड़ी कारवाई, इस रेगुलेशन का नहीं किया गया पालन अब …

spot_img
spot_img
spot_img

दरभंगा | ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (KSDSU) में नियमों की अनदेखी कर पीएचडी कर रहे शोधार्थियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के रेगुलेशन 2016 के अनुसार, पीएचडी में नामांकित शोधार्थियों को नियमों का पालन अनिवार्य है।


कुलपति का सख्त निर्देश

LNMU के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी ने कहा:

“शोधार्थियों के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य है। सभी को हर हाल में UGC रेगुलेशन का पालन करना होगा। इसमें कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

वहीं, KSDSU में भी अवैध रूप से नामांकित शोधार्थियों को चिह्नित करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। कई शोधार्थी केवल नामांकन और शोध प्रबंध जमा करने आते हैं, जबकि उपस्थिति दर्ज नहीं करते।

यह भी पढ़ें:  Darbhanga में बड़ा ATM फ्रॉड! 3 दिन तक करता रहा ... नहीं लगी भनक , डॉक्टर साहब ने मना जो किया था

UGC रेगुलेशन की मुख्य शर्तें

  1. 75% उपस्थिति अनिवार्य:
    पीएचडी शोधार्थियों को पूरे कोर्स के दौरान 75% उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज करनी होगी।
  2. पूर्ण अवधि में विभाग में उपस्थिति:
    • नामांकन के बाद शोधार्थियों को पूरे कोर्स की अवधि में संबंधित विश्वविद्यालय विभाग में उपस्थित रहकर प्रतिदिन कम से कम 5 घंटे शोधकार्य करना होगा।
    • कोर्स वर्क की अवधि में कम से कम 3 घंटे की उपस्थिति जरूरी है।
  3. अवकाश प्रावधान:
    • निजी कार्यों के लिए शोधार्थी को 6 महीने में अधिकतम 15 दिन और एक वर्ष में अधिकतम 30 दिन का अवकाश दिया जा सकता है।
    • शोध संबंधित आंकड़ा संग्रह (data collection) के लिए नामांकन के एक वर्ष बाद कुलपति से अनुमति लेकर अवकाश लिया जा सकता है।
यह भी पढ़ें:  Darbhanga में शिक्षकों के लिए Good News, BPSC चयनित शिक्षक हैं, 18 मार्च से, आखिरी मौका है, जल्दी करें, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

अनियमितताओं का खुलासा

  • कई शोधार्थी सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में नौकरी करते हुए अवैध रूप से पीएचडी कर रहे हैं।
  • शोधार्थी नियमित उपस्थिति दर्ज किए बिना केवल नामांकन और शोध प्रबंध जमा करने आते हैं।
  • ऐसे कई मामलों में शोधार्थी अन्य कोर्स भी साथ में कर रहे हैं।

कार्रवाई की दिशा में कदम

शोधार्थियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं।
UGC रेगुलेशन का पालन सुनिश्चित करने के लिए:

  1. नियम उल्लंघन करने वाले शोधार्थियों को चिह्नित कर नोटिस जारी किया जाएगा।
  2. पीएचडी कोर्स वर्क और शोध प्रबंध के दौरान उपस्थिति की कड़ी जांच की जाएगी।
  3. नियमों का पालन न करने वाले शोधार्थियों की नामांकन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
यह भी पढ़ें:  Darbhanga में भयंकर मार, 48 से अधिक जख्मी, चाहर दिवारी के अंदर कौन था?

निष्कर्ष

LNMU और KSDSU में पीएचडी के नियमों की अनदेखी लंबे समय से चल रही है, लेकिन अब सख्त कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। यह कदम न केवल शोध गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा, बल्कि नियमित शोधार्थियों के लिए अनुशासन स्थापित करने में भी सहायक होगा।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -
error: कॉपी नहीं, शेयर करें