दरभंगा ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के जिला अध्यक्ष प्रिंस राज, जिला सचिव मयंक कुमार यादव ने महामहिम राष्ट्रपति को दरभंगा जिला पदाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजकर बिहार के सभी विवि में मची लूट-भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाले कुलाधिपति, कुलपति एवं कुलसचिव को बर्खास्त करने की मांग की है।
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि आज पूरा बिहार का विवि भ्रष्टाचार में तब्दील है। बिहार के सभी विवि में कुलाधिपति के प्रत्यक्ष नेतृत्व में कुलपति व कुलसचिव के द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसका ताजा उदाहरण मगध विश्वविद्यालय है जहाँ कुलपति के यहां से करोड़ो की संपत्ति बरामद होती है।
कुलाधिपति की ओर से उनपर कारवाई करने के बदले उन्हें छुट्टी पर भेज दिया जाता है। दूसरी तरफ ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो. एसपी सिंह (जिनपर पूर्व में लखनऊ के कुलपति रहते हुए कई संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज है ) को बिहार के कई विवि का प्रभार दे दिया जाता है और उनके नेतृत्व में भ्रष्टाचार की शुरुआत हो जाती है।
टेंडर घोटाला, पुस्तक घोटाला,उत्तरपुस्तिका, कॉपी, रिजल्ट घोटाला सहित वित्तीय अनियमितता आम बात हो गयी है। यहां तक कि ललित नारायण मिथिला विवि के कुलपति के डिग्री पर भी प्रश्न चिन्ह है। फिर भी उन्हें महामहिम कुलाधिपति की ओर से विवि का कुलपति बना दिया गया। रुपया का खेला बेला कर एक खास विचारधारा के लोगों को कुलपति- प्रतिकुलपति, कुलसचिव बनाकर पूरी शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करना संगीन अपराध है।
इन घटनाओं ने राजभवन को पूरी तरह से कटघरे में खड़ा कर दिया है। यदि इस भ्रष्टाचार व पदों की खरीद-फ़रोख्त जैसे संगीन मामलों की गहराई से जाँच हो तो राजभवन,केंद्र व बिहार सरकार की संलिप्तता खुलकर सामने आएगी, जिसने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को आज रसातल में पहुंचा दिया है।
जबतक जाँच पूरी नहीं होती, बिहार के राज्यपाल को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक हक नहीं हैं और उन्हें तत्काल पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए। साथ ही उनके द्वारा बहाल कुलपति, प्रतिकुलपति व कुलसचिवों को भी बर्खास्त कर उनके नियुक्ति से लेकर वर्तमान तक के कार्यकाल की पूरी जाँच होनी चाहिए और इस अपराध के लिए दोषियों को दंड दिया जाना चाहिए।
आइसा नेताओ ने राष्ट्रपति के साथ साथ प्रधानमंत्री को भी ज्ञापन भेजकर मांग किया है की बिहार के विवि में मची लूट की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में करने तथा इस जांच अवधि में तत्काल बिहार के कुलाधिपति व घोटालेबाज कुलपति व कुलसचिव को पदमुक्त करने की मांग की है। अगर इस ओर कोई अग्रसर करवाई नही होती है तो आइसा दरभंगा से लेकर दिल्ली तक इस आंदोलन को तेज करेगी।