कमतौल न्यूज: मंगलवार का दिन अहल्यास्थान के लिए किसी उत्सव से कम नहीं था। पूरे इलाके में जहां जय श्री राम के उद्घोष गूंज रहे थे, वहीं भक्ति और उल्लास से सराबोर सैकड़ों श्रद्धालु झूम रहे थे। नजारा ऐसा था, मानों स्वयं जनकपुरी अयोध्या से बारात लेकर अहल्यास्थान पधार रही हो।
तीर्थ स्थल अहल्यास्थान स्थित सिया पिया निवास से श्री सीता राम विवाह उत्सव के उपलक्ष्य में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की एक भव्य बरात शोभायात्रा निकाली गई। यह आयोजन विवाह पंचमी के अवसर पर देर रात होने वाले मुख्य विवाह कार्यक्रम से पूर्व संपन्न हुआ। दोपहर करीब तीन बजे सिया पिया निवास से जब यह बरात निकली, तो गाजे-बाजे की धुन पर नाचते-गाते सैकड़ों श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था।
विशेष रूप से महिला श्रद्धालुओं ने पारंपरिक वैवाहिक गीतों की मधुर धुन पर नाचते हुए बरात को नगर भ्रमण के लिए विदा किया। ‘जखनहि रामचन्द्र चललन बिआहे हे शुभ बाजन बाजय’ और ‘तीनों लोकों में भेजूंगी बुलावा हमारे घर शादी है’ जैसे लोकप्रिय गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इस दौरान ‘जय श्री राम’ और ‘जय जय सियाराम’ के जयकारों से अहल्यास्थान परिसर गूंज उठा।
आस्था का सैलाब और पालकी में श्रीराम
बैंड बाजे और रंग-बिरंगे परिधानों में सजे श्रद्धालुओं के साथ, पालकी पर विराजमान भगवान राम और अन्य बरातियों को देखने के लिए जगह-जगह लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर चौराहे और गली में स्थानीय निवासियों ने भगवान पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया और श्रद्धापूर्वक आरती उतारी। यह दृश्य ऐसा था, मानों त्रेता युग की झलक फिर से साकार हो उठी हो।
दोपहर बाद अहल्यास्थान परिसर से शुरू हुई भगवान राम की यह बरात गांधीनगर, रामनगर, अहियारी और चहुंटा की मुख्य गलियों से गुजरी। शाम होते-होते यह शोभायात्रा वापस अहल्यास्थान स्थित सिया पिया निवास पहुंची, जहां इसके भव्य स्वागत की तैयारियां की गई थीं।
बारातियों का भव्य स्वागत और पारम्परिक रस्में
देर शाम बरात शोभायात्रा के सिया पिया निवास पहुंचते ही श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम सहित समस्त बरातियों पर फूलों की बारिश की और उनके स्वागत-सत्कार में जुट गए। इस दौरान महिला श्रद्धालुओं ने एक बार फिर पारंपरिक स्वागत गीत गाए। ‘आजु आयल बराती जनक नगरी’ और ‘आए बराती लेके बरात स्वागत स्वागत है’, साथ ही ‘तनि सुनि ला समधि हमार गरिया तनि सुनि ला’ जैसे गीतों से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा।
स्वागत के बाद, दूल्हा बने श्रीराम की परिछन की रस्म निभाई गई। इस दौरान ‘अहाँ पढ़ल लिखल केते छि बताऊ यो दुलहा’, ‘डिग्री असली है या नकली से छिपाऊ नई दुलहा’ और ‘रामजी से पूछे जनकपुर के नारी’ जैसे मनमोहक गीतों को गाते हुए महिला श्रद्धालुओं ने परिछन की रस्म को जीवंत कर दिया। इसके तुरंत बाद, देर रात होने वाले विवाहोत्सव की जीवंत प्रस्तुति की तैयारियां जोरों पर शुरू हो गईं।
मांगलिक और वैवाहिक गीतों से अहल्यास्थान परिसर देर रात तक गुंजायमान होता रहा। देर रात तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु सिया पिया निवास परिसर में डटे रहे, उत्सुकता से विवाह के भव्य अनुष्ठान को देखने का इंतजार करते रहे।







