दरभंगा के जाले में लम्पी रोग का कहर! महीनों से वैक्सीन पड़ी, आदेश नहीं आया। गायों पर मंडरा रहा खतरा! वैक्सीन होते हुए भी नहीं हो रहा टीकाकरण। लम्पी वायरस से जूझ रहे हैं दर्जनों पशु, डॉक्टर बोले: वैक्सीन है लेकिन आदेश नहीं।@जाले-दरभंगा,देशज टाइम्स।
जाले में लम्पी वायरस का कहर! आदेश के अभाव में नहीं हो पा रहा टीकाकरण
लम्पी वायरस का विस्फोट! पशुपालकों की गुहार – कब मिलेगा इलाज?‘वैक्सीन अस्पताल में पड़ी है!’ छोटे-छोटे गिल्टियों से घिर गईं गायें! जाले के गांवों में लम्पी वायरस का आतंक@जाले-दरभंगा,देशज टाइम्स।
जाले में लम्पी वायरस का कहर! आदेश के अभाव में नहीं हो पा रहा टीकाकरण
जाले/दरभंगा, देशज टाइम्स। प्रखंड क्षेत्र के कई पंचायतों में लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) ने दस्तक दे दी है। लेकिन एक माह से उपलब्ध वैक्सीन होने के बावजूद अब तक पशुओं का टीकाकरण शुरू नहीं हुआ, जिससे पशुपालकों में चिंता का माहौल है।
वैक्सीन उपलब्ध, लेकिन आदेश नहीं!
प्रखंड पशु चिकित्सालय, जाले में लम्पी रोग की वैक्सीन पिछले 1 माह से मौजूद है। प्रखंड पशु चिकित्सक डॉ शालू पाठक ने बताया कि जिला से वैक्सीनेशन का आदेश नहीं मिला है, इसलिए टीकाकरण रुका हुआ है। अभी हाल ही में एफएमपीडी वैक्सीन लगाई गई है, इसलिए 45 दिनों बाद ही लम्पी की वैक्सीन दी जा सकती है।
इलाज के लिए मोबाइल एंबुलेंस तैनात
पशुपालकों की सूचना पर कमतौल के डॉ दिवाकर और डॉ शालू पाठक के निर्देश पर डॉ आकाश ने मोबाइल एंबुलेंस से पहुंचकर इलाज शुरू किया। रतनपुर पंचायत की मुखिया सरिता देवी ने बताया कि कई गायों के शरीर पर गिल्टियाँ निकल आई हैं और बेचैनी बढ़ रही है।
डॉ दिवाकर की सलाह:नियमित साफ-सफाई बनाए रखें
लम्पी एक वायरल रोग है, इसका कोई सटीक इलाज नहीं, केवल लक्षणों का इलाज ही संभव है। अगर समय पर इलाज न हो तो गिल्टियाँ घाव में बदल जाती हैं और खुजली से पशु परेशान रहते हैं। बीमार पशु को अलग हवादार स्थान पर रखें और नियमित साफ-सफाई बनाए रखें।
बचाव के उपाय और दवाएं
पशुशेड में हर हफ्ते चूना का छिड़काव करें। मच्छरों से बचाव के लिए शाम को नीम, शरीफा, तेजपत्ता घी में डालकर घूर जलाएं। पशुओं को रोज स्नान कराएं, गंदगी दिखे तो साबुन लगाएं।
इलाज में: आइवरमेक्टिन का इंजेक्शन – बाहरी परजीवी नष्ट करता है। एमॉक्सिलिन और लम्पी हीट जैसी दवाओं का सुझाव दिया गया।